दिव्य महाराष्ट्र मंडल

सामाजिक और पारिवारिक कार्यक्रम में गोबर के दीये और कपड़ों की थैलियों का उपयोग करेगा महाराष्ट्र मंडळ

रायपुर। पर्यावरण संरक्षण को लेकर वर्ष भर कार्य करने वाली महाराष्ट्र मंडळ की पर्यावरण समिति ने अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि अब अपने सामाजिक और पारिवारिक कार्यक्रमों में अब गोबर के दीयों और कपड़ों की थैलियों का ही उपयोग करेंगे। पर्यावरण समिति ने प्रकृति संरक्षण, पूजन, जल संरक्षण और पौधों की सही देखरेख के लिए 18 बिंदूओं पर विस्तार से चर्चा की। वहीं पर्यावरण जागरूकता को लेकर वर्षभर स्कूल और कालेजों में वर्कशाप और सेमिनार आयोजित करने पर भी सहमति बनी। 
 
महाराष्ट्र मंडळ के पर्यावरण समिति की प्रभारी गीता दलाल ने बताया कि मंडळ कार्यालय में पर्यावरण समिति की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें पर्यावरण जागरूकता और संरक्षण को लेकर 18 बिंदूओं पर चर्चा की गई। बैठक में वरिष्ठजनों ने भी अपने विचार रखें। बैठक में बीते वर्ष किए गए कार्यों के साथ इस वर्ष की कार्ययोजना के बारे में विस्तार से जानकारी समिति के सदस्यों को दी गई। स्कूल और कालेजों में पर्यावरण जागरूकता को लेकर वर्कशॉप और सेमिनार आयोजित करने पर सहमति बनी। 
पर्यावरण समिति प्रमुख अभय भागवतकर ने आगामी कार्ययोजना की जानकारी देते हुए तय समय में इसे पूरा करने का संकल्प बैठक में लिया। प्रकृति संरक्षण, पूजन, जल संरक्षण, पौधों की उचित देखरेख समेत लगभग 18 बिंदुओं पर सदस्यों ने अपने-अपने विचार रखें। अभय भागवतकर ने बताया कि इस वर्ष समिति का लक्ष्य फलदार पौधों के रोपण करने है, जो बीते वर्ष की तुलना में ज्यादा रहेगा। 
बैठक में मृदुल कुलकर्णी, मधुरा भागवत, प्रीति शेष, सृष्टि दंडवते, अनुराधा चौधरी, अनघा करकशे, दिनकर करकशे, अर्चना पराडकर, उपप्रमुख वैभव बर्वे, प्रमुख अभय भागवतकर  उपस्थित थे। सभी सदस्यों ने एकमतेन सहयोग का विश्वास भी दिलाया।