दिव्य महाराष्ट्र मंडल

देवशयनी एकादशी पर महाराष्ट्र मंडल की महिलाओं ने... सुबह से शाम तक... बहाई भजन की अविरल धारा

रायपुर। गुरुवार को देवशयनी एकादशी के अवसर पर महाराष्ट्र मंडल की सभी महिला केंद्रों की सदस्यों ने सुबह से शाम तक बारी—बारी से भजन सरिता की अविरल धारा को निरंतर जारी रखा। महाराष्ट्र मंडल रायपुर की 15 महिला केंद्र हैं, जिनमें शामिल महिला सदस्यों ने समय निर्धारित किया था, उसके मुताबिक तात्यापारा स्थित हनुमान मंदिर में सुबह 9 बजे से शाम 6 तक भजन सरिता का गान होता रहा। 

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को देवशयनी एकादशी व्रत था। यानी जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु आज से चार महीनों के लिए योग निद्रा में चले गए। इस बार सावन का अधिक मास होने की वजह से श्रीहरि विष्णु की योग निद्रा का काल 5 महीने हो गया है। भगवान विष्णु की इस योग निद्रा में जाने की वजह से सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर आज से प्रतिबंध लग गया है। इस दौरान भगवान भोलेनाथ जगत का पालन करेंगे। 
 
 

तात्यापारा हनुमान मंदिर अध्यक्ष चंद्रकांत मोहदीवाले और महिला प्रमुख सुरेखा हिशीकर ने बताया कि महाराष्ट्रीयन समाज में देवशयनी एकादशी, जिसे आषाढ़ी एकादशी के तौर पर जाना जाता है, उसका विशेष महत्व है। दोनों ने बताया कि इसके बाद से चार्तुमास प्रारंभ हो जाएगा, जिसमें खाने—पीने से लेकर जीवन निर्वाह की कई चीजों पर प्रतिबंध लग जाता है और पूरे चार महीने तक इसका पालन अनिवार्य होता है। 

मोहदीवाले ने बताया कि शाम 6 बजे के बाद मंदिर की नियमित संध्या आरती कार्यक्रम के पश्चात समाज के पुरुष उपस्थिति दर्ज कराएंगे और यहां पर देररात तक उनके द्वारा भजन की प्रस्तुति होगी।