दिव्य महाराष्ट्र मंडल

विपरीत परिस्थितियों के बाद भी... जिनकी कामयाबी बनी मिसाल... 2 जुलाई को महाराष्ट्र मंडल करेगा भव्य सम्मान

रायपुर। राष्ट्रीय योग्यता- प्रवेश परीक्षा (नीट) के टॉपर क्षितिज सागर हेलोडे का महाराष्ट्र मंडल दो जुलाई को सम्मान करेगा। मंडल के प्रतिष्ठित विद्यार्थी सम्मान समारोह में 12वीं बोर्ड परीक्षा में प्रावीण्य सूची में शामिल संत ज्ञानेश्वर स्कूल के कुंदन बियानी और मुस्कान सिंह को भी विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। इनके अलावा भी शिक्षा के क्षेत्र में मिसाल कायम करने वाले छात्र—छात्राओं के सम्मान का आयोजन महाराष्ट्र मंडल ने किया है। 

पहले मिली निराश, फिर लिया संकल्प
महाराष्ट्र मंडल से संक्षिप्त बातचीत में डा. सागर हेलोडे और डा. प्रगति हेलोडे के ज्येष्ठ सुपुत्र क्षितिज ने बताया कि पिछले साल जब उन्होंने नीट की परीक्षा दी थी तो उन्हें महज 322 अंक हासिल हुए थे। इससे वह खासे निराश हुए थे। इस बार दृढ़ संकल्प के साथ प्रतिदिन लगभग 12 घंटे तक पढ़ाई करने के बाद उन्होंने नीट में 720 में 675 अंक हासिल कर छत्तीसगढ़ में टॉप किया।

महाराष्ट्र मंडल के आजीवन सदस्य डा. सागर हेलोडे ने बताया कि परीक्षा की तैयारी के लिए क्षितिज ने नौ महीने पहले ही अपना एंड्रॉयड फोन उनके पास जमा कर दिया था और अपना पूरा फोकस पढ़ाई पर रखकर सफलता हासिल की। क्षितिज बचपन से ही बेहद प्रतिभाशाली छात्र रहे हैं और वे 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में भी टापर थे।

मुंबई से आकर बना टॉपर
मेधावी छात्र—छात्राओं को स्थान परिवर्तन का असर नहीं होता, इस बात को संत ज्ञानेश्वर स्कूल के टॉपर कुंदन बियानी से साबित कर दिया। मार्बल कारोबारी पिता और हाउस वाइफ माता के सुपुत्र कुंदन बियानी नेटबॉल और बास्केटबॉल का नेशनल खिलाड़ी है। खास बात यह है कि कुंदन ने इस कामयाबी को अपने बूते हासिल किया, कहीं ट्यूशन नहीं ली, बल्कि स्कूल में अपनी परेशानियों को दूर किया। 

कमजोर परिस्थिति, फिर भी कामयाब
संत ज्ञानेश्वर स्कूल की दूसरी मेधावी छात्रा मुस्कान सिंह एक मामूली परिवार की बेटी है। कमजोर आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद, संसाधनों की कमी के बाद भी उसने हार नहीं मानी और कामयाबी का ऐसा परचम लहराया कि उसके सम्मान के लिए कतारें लग गईं।