महाराष्ट्र मंडल के पांच महिला केंद्रों में हुआ राम रक्षा स्त्रोत और हनुमान चालीसा का पाठ
रायपुर। महाराष्ट्र मंडल की आध्यात्मिक समिति की ओर से प्रत्येक शनिवार को होने वाला राम रक्षा स्तोत्र और हनुमान चालीसा पाठ का क्रम शनिवार 28 सितंबर को भी पूरे उत्साह के साथ जारी रहा। सुबह इंदिरा एकादशी पर विष्णु सहस्त्रनाम पाठ के बाद शाम को डंगनिया, बूढ़ापारा, देवेंद्र नगर, सड्डू और चौबे कालोनी की महिलाओं ने स्थानीय मंदिर में पहुंच राम रक्षा स्तोत्र और हनुमान चालीसा का पाठ किया।
आध्यात्मिक समिति की समन्वयक आस्था काले ने बताया कि देवेंद्र नगर केंद्र की टीम ने भी राम रक्षा स्तोत्र और हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस दौरान मंडल उपाध्यक्ष गीता दलाल, महिला प्रमुख विशाखा तोपखानेवाले, कामकाजी महिला वसती गृह प्रभारी नमिता शेष, मालती मिश्रा और रेणुका पुराणिक के साथ केंद्र की सविता भागडीकर, अंजली कर, मीना लोणकर, पद्मजा लाड, कुमुद लाड, श्वेता सायंकर, शीतल रणदीवे, हर्षदा, भारती देवरणकर, दीपाली अमीन, साक्षी टोले, उपस्थित थीं। इसी तरह मंडल के नये महिला केंद्र सड्डू में भी महिलाओं ने उत्साह के साथ पाठ किया। इस दौरान प्राजक्ता अंतुलवार, उन्नती शेष, मनीषा होसंगाबादे, श्रुति डोनगांवकर, शालिनी जोशी, मानिक आचार्य, शुशांत शाह, माधुरी मोघे, मंजूषा कलकर, आरती पोतदार और अर्चना भंडारकर शामिल हुई।
चौबे कॉलोनी केंद्र की महिलाओं ने चौबे कॉलोनी स्थित चिंताहरण हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस दौरान मनीषा वरवंडकर, अक्षता पंडित, अजिता गनोदवाले, सीमा गनोदवाले, चारुशीला देव, रंजना कथोटे, सुनंदा हिशिकर, निकिता भागवत, सुलभा देशपांडे, प्रमोदिनी देशमुख, रोहिणी नेने, प्रभा डबली, अर्चना मुकादम, सुनीता बक्षी, कुसुम काळे प्रमुख रुप से उपस्थित थीं।
आध्यात्मिक समिति की प्रमुख सृष्टि दंडवते ने बताया कि डंगनिया केंद्र की महिलाओं ने साई मंदिर गोल चौक रोहिणीपुरम में राम रक्षा स्तोत्र और हनुमान चालीसा का पाठ किया। जिसमें दिव्या पात्रीकर, दीपांजली भालेराव, आकांशा गद्रे, अंजली काळे, सृष्टी दंडवते, श्रुती सराफ, अनुजा महाडिक, अनुभा जाऊलकर, भावना राजिमवाले, रंजना राजिमवाले, किरण इंगळे और कल्पना चौहान उपस्थित थी।
बूढ़ापारा स्थित राम मंदिर में बूढ़ापारा केंद्र की महिलाओं ने रामरक्षा स्तोत्र और हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस दौरान अंजलि नलगुंडवार, प्रणिता नलगुंडवार, अर्चना पराडकर, अनघा करकशे, दिनकर करकशे, मोहन देसाई, जयकिशन शर्मा, हेमा बर्वे और जयश्री केलकर उपस्थित थीं।