महाराष्ट्र मंडल में सादगीपूर्ण मनाई गई सरदार भगत सिंह जयंती... सरदार भगत सिंह से भयभीत थी ब्रिटिश हुकूमत: गहलोत
2024-09-28 09:00 PM
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रायपुर। महाराष्ट्र मंडल में शनिवार की शाम को शहीद सरदार भगत सिंह की जयंती मनाई गई। इस सादगीपूर्ण आयोजन में मुख्य अतिथि वरिष्ठ जन सेवा समिति के सह प्रभारी रवि गहलोत ने सरदार भगत सिंह के जीवन के ऐसे पहलुओं को याद किया, जिनके बारे में आमतौर पर चर्चा नहीं होती।
रवि गहलोत ने कहा कि सरदार भगत सिंह से ब्रिटिश हुकूमत किस कदर भयभीत थी, कांपती थी... इसके उदाहरण उनके जीवन के हर कदम पर मिलेंगे। दरअसल नेशनल असेंबली में सरदार भगत सिंह ने अपने साथियों के साथ जो बम फेंका था, उसका उद्देश्य भी यही था कि उनकी आवाज को गंभीरता से लिया जाए और उनके इस आंदोलनकारी प्रयास का देशभर के क्रांतिकारियों में जबरदस्त और आक्रामक संदेश गया भी था। वैसे ही भगत सिंह और उनके साथियों सुखदेव और राजगुरु को जब फांसी देने का समय आया तो अदालत की ओर से पूर्व निर्धारित तिथि 24 मार्च 1931 को सुबह फांसी देने की बजाय डरी- सहमी ब्रिटिश हुकूमत ने एक दिन पहले 23 मार्च की शाम को ही तीनों क्रांतिकारियों को फांसी के फंदे पर लटका दिया। जबकि शाम को फांसी देने का प्रावधान कभी रहा ही नहीं है।
गहलोत ने अपने संक्षिप्त संबोधन में बताया कि भयभीत ब्रिटिश हुकूमत ने सरदार भगत सिंह के पार्थिव देह को उनके परिजनों को सौंपने के बजाय स्वयं ही उनका अंतिम संस्कार सतलुज नदी के किनारे करने का कायराना प्रयास किया। जब ग्रामीणों ने आसमान में उठता धुंए का गुबार देखा और करीब जाकर यह जानने की कोशिश की कि नदी के किनारे हो क्या रहा है। बड़ी संख्या में ग्रामीणों को करीब आता देख हड़बड़ाहट में ब्रिटिश अधिकारियों और जवानों ने सरदार भगत सिंह के अधजले शव के टुकड़ों को सतलुज नदी में बहने का प्रयास किया और वहां से भाग खड़े हुए।
गहलोत ने कहा कि ग्रामीणों ने भगत सिंह के पार्थिव देह के विभिन्न हिस्सों को नदी से निकाल कर विधि विधान से अंतिम संस्कार किया। जयंती के मौके पर महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष अजय मधुकर काले, सचिव चेतन गोविंद दंडवते, भवन प्रभारी निरंजन दीपक पंडित, मुख्य समन्वयक श्याम सुंदर खंगन, संत ज्ञानेश्वर स्कूल प्रभारी परितोष डोनगांवकर, वरिष्ठ जन सेवा समिति के प्रभारी दीपक पात्रीकर, महाराष्ट्र मंडल के निर्देशक अनिल श्रीराम कालेले, पर्यावरण समिति के समन्वयक अभय भागवतकर, प्रभारी वैभव बर्वे, हेमंत मार्डीकर सहित अनेक पदाधिकारी व आजीवन सभासद उपस्थित रहे।