मनोरंजन

बाधाओं को पार करना : 55वें आईएफएफआई ने फिल्मों में सुगमता के लिए नए मानक स्थापित किए

नई दिल्ली | सबका मनोरंजन: 55वें आईएफएफआई का उद्देश्य फिल्म समारोहों में समावेशिता को नए सिरे से परिभाषित करना है | 

55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) ने "सबका मनोरंजन" थीम को जारी रखते हुए एक समावेशी सिनेमा के अनुभव का निर्माण किया है। आईएफएफआई ने सबके लिए उपलब्ध फिल्म महोत्सव की अपनी परंपरा को जारी रखा है और यह सुनिश्चित किया है कि यह महोत्सव हर साल सभी सिने प्रेमियों का स्वागत करता रहे। समावेशन भागीदार, दिव्यांगों के लिए राज्य आयोग, गोवा और सुगम्यता भागीदार स्वयं जैसे प्रमुख सहयोगियों के समर्थन से, आईएफएफआई सिनेमा में समावेशिता के लिए एक मानक स्थापित करता है।

समावेशी उद्घाटन और समापन समारोह: आईएफएफआई के इतिहास में पहली बार उद्घाटन और समापन समारोह में उसी समय सांकेतिक भाषा व्याख्या की सुविधा होगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि सुनने में असमर्थ व्यक्तियों सहित सभी उपस्थित लोग महोत्सव के दृश्यों और संगीत का पूरा आनंद ले सकें।

सुगम्य भारत फिल्म खंड: आईएफएफआई 2024 का एक प्रमुख आकर्षण है। इस खंड में ऑडियो विवरण और भारतीय सांकेतिक भाषा के साथ चुनिंदा भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्में दिखाई जाएंगी, जिससे दृष्टि बाधित और सुनने में असमर्थ दर्शक स्वयं को फिल्म की कहानी से जोड़ सकेंगे। 55वें आईएफएफआई में ऐप के माध्यम से ऑडियो विवरण के साथ भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्में भी दिखाई जाएंगी, जो समावेशी स्क्रीनिंग के अनुभव को और बढ़ाएगी। यह खंड 22 नवंबर को 12वीं फेल की फिल्म दिखाने के साथ शुरू होगा, जिसमें ऑडियो विवरण और सांकेतिक भाषा की व्याख्या होगी। सुगम्य सिनेमा का नया अध्याय प्रतिष्ठित कलाकार मेथिल देविका द्वारा भारतीय सांकेतिक भाषा में शास्त्रीय नृत्य प्रदर्शन के साथ शुरू होगा, जो समावेशिता के प्रति महोत्सव की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।