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फिल्म निर्माता के विश्वनाथ का 92 वर्ष की आयु में निधन, प्रधानमंत्री ने जताया शोक

 

नईदिल्ली।  दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित महान फिल्म निर्माता के. विश्वनाथ का हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। कलातपस्वी के नाम से लोकप्रिय विश्वनाथ का जन्म 1930 में आंध्र प्रदेश में हुआ था। उन्होंने 1965 से तेलुगु, तमिल और हिंदी में 50 फिल्में बनाईं और एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता के रूप में लोकप्रिय हुए। 2016 में विश्‍वनाथ को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार दिया गया।

 

 

ध्वनि कलाकार के रूप में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करते हुए उन्‍होंने शंकरभरणम, सागर संगमम, स्वाति मुत्यम सप्तपदी, कामचोर, संजोग और जाग उठा इंसान जैसी पुरस्कृत फिल्‍मों का निर्देशन किया। उन्हें 1992 में पद्म श्री, पांच राष्ट्रीय पुरस्कार और 20 नंदी पुरस्कार के अलावा लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सहित 10 फिल्मफेयर ट्राफी भी मिलीं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया हैः

श्री के. विश्वनाथ गुरु के निधन से व्यथित हूं। वे सिनेमा की दुनिया के महारथी थे और उन्होंने एक रचनात्मक व बहुमुखी निर्देशक के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई थी। उनकी फिल्मों में विभिन्न विधाओं को देखा जा सकता था। उन्होंने दशकों तक दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति संवेदनायें। ओम् शांति।

 वहीं  तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने विश्वनाथ के निधन पर शोक व्यक्त किया है।