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देश में यहां के लोग हर दिन खा जाते हैं... तीन करोड़ का तंबाकू... बच्चों महिलाओं सहित हर वर्ग के लोग शामिल

हर उम्र के लोगों में तंबाकू खाने का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है। जोधपुर के वाशिंदे हर दिन तीन करोड रुपये से ज्यादा का तंबाकू खा जाते हैं। जानकर आपको हैरानी हो रही होगी, लेकिन यह आंकड़ सही है। तंबाकू मुक्त राजस्थान अभियान की शुरुआत 25 से 31 मई तक विश्व तंबाकू निषेध दिवस सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन को लेकर एसआरकेपीएस द्वारा मीडिया कार्यशाला में जानकारी दी गई।

प्रभावी क्रियान्वयन स्कूलों में तंबाकू के दुष्प्रभाव की जानकारी देकर युवा पीढ़ी को तंबाकू मुक्त रखा जा सके इसके लिए जागरूक किया जाएगा। संयोजक चौधरी ने बताया कि जोधपुर के 16 लाख लोगों में से 15 वर्ष से अधिक आयु के 6 लाख लोग प्रतिदिन पान मसाला, गुटखा वाले तंबाकू जनित उत्पादों का उपभोग कर तीन करोड़ रुपए प्रतिदिन खर्च करते हैं। वहीं प्रतिमाह 90 करोड और प्रतिवर्ष 1100 करोड़ रुपए का तंबाकू उपभोग करते हैं। इन आंकड़ों में 10 से 15 साल वाले युवाओं को भी जोड़ दिया जाए तो यह खर्च करीब दो गुना हो जाता है। चौधरी ने बताया कि तंबाकू शराब से भी ज्यादा खतरनाक है। इससे मौत के आंकड़े भी बढ़ जाते हैं।

तंबाकू उत्पादों के उपभोग से प्रतिवर्ष 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है। वही भारत में प्रतिवर्ष 15 लाख लोगों की मौत होती है। जबकि राजस्थान में प्रतिवर्ष करीब 80 हजार लोग मौत के शिकार हो रहे हैं। राजस्थान में प्रतिदिन 220 लोगों की तंबाकू का सेवन करने से तंबाकू से होने वाली बीमारियों के कारण मौत की आगोश में चले जाते हैं। राजस्थान को तंबाकू मुक्त राजस्थान बनाने के लिए सभी जिलों में कार्य किए जा रहे हैं।

कचरे से पर्यावरण का नुकसान
राज्य सरकार के साथ भी एडवोकेसी की जा रही है कि तंबाकू उत्पादों को बंद करें या फिर शराब की तरह निर्धारित दुकानों के लाइसेंस जारी किए जाए ताकि युवा पीढ़ी को तंबाकू उत्पादों से दूर रखा जा सके। तंबाकू के सेवन से होने वाली गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके।

एसआरकेपीएस कार्यक्रम अधिकारी विकास कुमार ने कार्यशाला में 'कोटपा 2023' के बारे में पीपीटी से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एम्स जोधपुर की ओर से किए गए अनुसंधान और अध्ययन के अनुसार 7000 टन कचरा तंबाकू उत्पादों से होता है। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि तंबाकू उत्पादों से होने वाले कचरे से 30 लाख प्लास्टिक की बाल्टियां बनाई जा सकती हैं। छह हजार पेड़ बचाए जा सकते हैं। 32 लाख नोटबुक बनाई जा सकती हैं और एक विमान 747 का निर्माण किया जा सकता है। 3.5 लाख टी-शर्ट बनाए जा सकते हैं। 

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