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गीता प्रेस, गोरखपुर को प्रदान किया जाएगा वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार, पीएम ने दी बधाई

नईदिल्ली। वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेसगोरखपुर को प्रदान किया जा रहा है। गांधी शांति पुरस्कार भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वार्षिक पुरस्कार है। वर्ष 1995 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर उनके आदर्शों के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी। यह पुरस्कार राष्ट्रीयतानस्लभाषाजातिपंथ या लिंग के भेदभाव के बगैर सभी व्यक्तियों के लिए खुला है। पुरस्कार में एक करोड़ रुपए की राशिएक प्रशस्ति पत्रएक पट्टिका और एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला/हथकरघा विशिष्ट कृति प्रदान की जाती है।

पूर्व पुरस्कार विजेताओं में इसरोरामकृष्ण मिशनबांग्लादेश के ग्रामीण बैंकविवेकानंद केंद्र (कन्याकुमारी)अक्षय पात्र (बेंगलुरु)एकल अभियान ट्रस्ट (भारत) और सुलभ इंटरनेशनल (नई दिल्ली) जैसे संगठन शामिल हैं। यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले विशिष्ट व्यक्तियों में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. नेल्सन मंडेलातंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जूलियस न्येरेरेश्रीलंका के सर्वोदय श्रमदान आंदोलन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. ए.टी. अरियारत्नेजर्मनी संघीय गणराज्य के डॉ. गेरहार्ड फिशरबाबा आमटेआयरलैंड के डॉ. जॉन ह्यूमचेकोस्लोवाकिया के पूर्व राष्ट्रपति श्री वाक्लेव हवेलदक्षिण अफ्रीका के आर्कबिशप डेसमंड टूटूश्री चंडी प्रसाद भट्ट और जापान के श्री योही ससाकावा शामिल हैं।

हाल के वर्षों में 2019 में ओमान के सुल्तान कबूस बिन सैद अल सैद और 2020 में बांग्लादेश के बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल ने 18 जून, 2023 को विचार-विमर्श के पश्चात सर्वसम्मति से वर्ष 2021 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए गीता प्रेसगोरखपुर का चयन किया है। यह पुरस्कार गीता प्रेसगोरखपुर को अहिंसक और अन्य गांधीवादी आदर्शों के माध्यम से सामाजिकआर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में परिवर्तन लाने में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा है।

वर्ष 1923 में स्थापित गीता प्रेस विश्व में सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है। इसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकों का प्रकाशन किया हैजिनमें 16.21 करोड़ श्रीमद भगवद गीता पुस्तकें शामिल हैं। इस संस्था ने राजस्व सृजन के लिए कभी भी अपने प्रकाशनों के लिए विज्ञापन नहीं लिए। गीता प्रेस अपने संबद्ध संगठनों के साथ जीवन के उत्तरोत्तर विकास और सर्वजन-कल्याण के लिए प्रयासरत है।

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