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एनबीईएमएस के 42वें स्थापना दिवस पर बोले केंद्रीय मंत्री- देश के विकास में सर्वोपरि भूमिका निभाता है चिकित्सा क्षेत्र

नईदिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) के 42वें स्थापना दिवस की अध्यक्षता की और राज्य मंत्री प्रोफेसर एस. पी. सिंह बगेलनीति आयोग के सदस्य, स्वास्थ्य डॉ वी के पॉल की उपस्थिति में मुख्य भाषण दिया।       

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने प्रारंभ की गई पहलों और पाठ्यक्रमों के लिए संस्थान और गवर्निंग बोर्ड के सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों के भीतर 25 पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह विकास चिकित्सा छात्रों के लिए अधिक अवसर प्रदान करने का कार्य करता है और भारत सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाओं और विशेषज्ञ डॉक्टरों को प्राप्त करने में सक्षम हैजो एक स्वस्थ समाज और स्वस्थ राष्ट्र के लिए राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सेवा करते हैं। उन्होंने दोहराया कि चिकित्सा क्षेत्र देश के विकास में सर्वोपरि भूमिका निभाता है और छात्रों से आने वाले वर्षों में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान देने और आकार देने के लिए प्रतिबद्ध होने का आग्रह किया।

राज्य मंत्री ने स्वास्थ्य कर्मियों विशेषकर हमेशा संकट का सामना करने वाले पैरा मेडिकल स्टाफ की बहादुरी के लिए उनकी सराहना करते हुए कहा कि उनके योगदान ने एक पावर हाउस के रूप में भारत की धारणा को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम और एक पृथ्वीएक परिवारएक भविष्य के प्रधानमंत्री के विजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह हमें न केवल एक स्वस्थ भारत के लिए बल्कि एक स्वस्थ विश्व के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है।

एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि भारतीय डॉक्टरों की शक्ति और मूल्य ऐसा है कि विश्व के हर भाग में एक भारतीय डॉक्टर सेवा में मिलेगा। उन्होंने एबीएचए कार्ड को स्वतंत्रता के बाद भारत के सबसे बड़े विकास में से एक बताया जो स्वास्थ्य सेवाओं को दूरवर्ती क्षेत्रों तक पहुंचने और वंचित समुदाय को लाभान्वित करने में सक्षम बनाता है। उन्होंने कहा कि भारत की चिकित्सा शिक्षा अपने स्वर्ण युग में है। उन्होंने टॉपर्स से आग्रह किया कि वे अपने अनुभवों और प्रेरणाओं को छोटे शहरों और गांवों के कॉलेजों और स्कूलों के साथ साझा करें ताकि उन्हें आज के शिखर पर पहुंचने के लिए प्रेरित किया जा सके।

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