रायपुर

कांग्रेस प्रवेश के साथ ही डॉ. साय को मिला सम्मान... सीएम डॉ. बघेल के साथ बैठ... लिया बासी, गोंदली और पताल चटनी का स्वाद

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रम दिवस यानी 1 मई को छत्तीसगढ़ में बोरे—बासी तिहार के तौर पर मनाने का सं​कल्प लिया, तो प्रदेशभर के लोगों से अपील भी की। सोमवार को इसका असर देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री डॉ. बघेल सहित उनके कैबिनेट के तमाम मंत्रियों के अलावा विधायक, आईएएस और आईपीएस अफसरों ने भी बोरे और बासी का गोंदली और पताल चटनी के साथ स्वाद लिया, तो चटखारे भी मारे। 

इस बोरे—बासी तिहार का जो सबसे रोचक पहलु नजर आया वह, यह कि कांग्रेस प्रवेश के साथ ही डॉ. नंदकुमार साय को सम्मान मिलना शुरु हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब श्रमिकों के बीच बैठ बोरे—बासी तिहार के दौरान बोरे, गोंदली, पापड़, बिजौरी, पताल चटनी और आम के आचार का लुत्फ उठा रहे थे, तो उसमें डॉ. नंदकुमार साय भी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के साथ बोरे खाते नजर आए। 
 

भाजपा में रहते तक उन्हें इस तरह का सम्मान नहीं मिल रहा था, जिसकी वजह से उन्हें उपेक्षित महसूस होता था। प्रदेश कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठकों तक में उन्हें शामिल होने के लिए नहीं बुलाया जाता था। किसी तरह से वे भाजपा के बड़े नेताओं की अगुवानी के लिए पहुंच भी जाते थे, तो तय सूची में उनका नाम तक शामिल नहीं किया जाता था। इन तमाम बातों का मलाल उन्हें भीतर से कमजोर करता जा रहा था, तो पार्टी के प्रति उनका समर्पण कमजोर होता चला गया, जिसकी परिणिति है कि कल तक भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता डॉ नंदकुमार साय अब कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और उन्हें उस स्तर का सम्मान भी मिल रहा है, जिसके वे हकदार थे।