कांग्रेस प्रवेश के साथ ही डॉ. साय को मिला सम्मान... सीएम डॉ. बघेल के साथ बैठ... लिया बासी, गोंदली और पताल चटनी का स्वाद
भाजपा में रहते तक उन्हें इस तरह का सम्मान नहीं मिल रहा था, जिसकी वजह से उन्हें उपेक्षित महसूस होता था। प्रदेश कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठकों तक में उन्हें शामिल होने के लिए नहीं बुलाया जाता था। किसी तरह से वे भाजपा के बड़े नेताओं की अगुवानी के लिए पहुंच भी जाते थे, तो तय सूची में उनका नाम तक शामिल नहीं किया जाता था। इन तमाम बातों का मलाल उन्हें भीतर से कमजोर करता जा रहा था, तो पार्टी के प्रति उनका समर्पण कमजोर होता चला गया, जिसकी परिणिति है कि कल तक भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता डॉ नंदकुमार साय अब कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और उन्हें उस स्तर का सम्मान भी मिल रहा है, जिसके वे हकदार थे।