रायपुर। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भगवान श्री जगन्नाथ को स्नान करने की परंपरा निभाई जाएगी। राजधानी के पुरानी बस्ती स्थित जगन्नाथ मंदिर, गायत्री नगर, सदरबाजार, कोटा, गुढ़ियारी समेत महाप्रभु की द्वाद्वश यात्रा में से एक स्नान यात्रा की परंपरा 4 जून ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि पर विधिविधान से निभाई जाएगी। प्रातः 10 से 12 बजे तक भगवान के श्रीविग्रह पर डोर बांधने की रस्म अदा की जाएगी। सूना कुआं, बावली से 108 कलशों में अभिमंत्रित जल से स्नान कराया जाएगा।
स्नान के पश्चात श्रीविग्रहों को हाथीवेश अथवा गजानन वेशभूषा से अलंकृत किया जाएगा। अनेक इलाकों के जगन्नाथ मंदिरों में भगवान को स्नान कराया जाएगा। अत्यधिक स्नान करने से भगवान अस्वस्थ हो जाएंगे। पूजा-अर्चना के पश्चात मंदिर के पट 15 दिनों के लिए बंद कर दिए जाएंगे। भगवान को स्वस्थ करने के लिए काढ़ा पिलाने की रस्म निभाई जाएगी।
गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में रविवार को प्रात: 10 बजे से 12 बजे तक जगन्नाथ महाप्रभु को स्नान कराया जाएगा। देवी शीतला के सामने सूना कूप, बावड़ी से 108 कलशों के अभिमंत्रित जल से श्रीविग्रहों को स्नान कराया जाएगा। स्नानवेदी पर विराजमान श्री विग्रहों को हाथी वेश अथवा गजानन वेश से अलंकृत किया जाएगा। अत्यधिक स्नान से भगवान अस्वस्थ होते है और इस दौरान मंदिरों के पट बंद रहेंगे। श्रद्धालु भगवान का आशीर्वाद बाहर से लेंगे।