रायपुर

मैथिल गौरव सुरता में याद किए गए अपने

रायपुर। मैथिल गौरव सुरता कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह का आयोजन बसंत पंचमी के अवसर पर किया गया। कार्यक्रम का आयोजन आचार्य सरयू कान्त झा स्मृति संस्थान , रायपुर एवं जनकवि सुरेन्द्र रघुनाथ मिश्रा छत्तीसगढ़ छवि अन्वेषक संस्थान , रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में  किया गया। कार्यक्रम जगन्नाथ मंदिर,पुरानी बस्ती के सभागार में हुआ। जिसमें अपने पुरखों और पुरोधाओं के योगदान का सुरता (स्मरण किया गया।  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मैथिल ब्राह्मण समाज के वरिष्ठ शिक्षाविद सुरेश कुमार ठाकुर  थे।

सर्वप्रथम मां सरस्वती के मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया और सरस्वती वंदना की गई। तीन मैथिल गौरव आचार्य सरयुकांत झा, पंडित सुरेंद्र नाथ मिश्र, पंडित जिवेंद्रनाथ ठाकुर के फोटो पर पुष्प अर्पित किए गए। मंचस्थ अतिथियों सुरेश कुमार ठाकुर, आचार्य रमेन्द्र नाथ मिश्र, हरीश कुमार झा, संजीव ठाकुर, शारदेन्दु झा, डॉ सुमन मिश्र का स्वागत पुष्पमाला से किया गया।

कार्यक्रम  में आचार्य रमेन्द्र नाथ मिश्र ने छत्तीसगढ़ और भगवान राम के समय का आपसी संबंध के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने 1402 में रायपुर के स्थापित करने की बात, माता कौशल्या का जन्मस्थान, मिथिला और कोसल राज्य के आपसी संबंध सहित छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना होने में मैथिलों की भूमिका आदि पर विस्तार से जानकारी दी।

आचार्य सरयुकांत झा के व्यक्तित्व, कृतित्व पर साहित्यकार हरीश झा ने विस्तार से अपनी बात रखी। उनकी प्राम्भिक शिक्षा से लेकर वर्षो प्राचार्य रहने और साहित्य, समाज की सेवा में तत्पर रहते थे संस्मरण किया और बताए कि अनेक लोगो को उन्होंने सरकारी नौकरी में लगाये। अंत समय तक वे जीवंत थे  उनके अनेक अनछुए पहलुओ को विस्तार से वर्णन किया गया।

समाजसेवी पंडित जिवेंद्रनाथ ठाकुर के बारे में बोलने से पहले उनके सुपुत्र ज्योतिन्द्र नाथ ठाकुर ने मैथिल समाज के गणमान्य जनों के अनेक नाम, इनके व्यक्तित्व,कृतित्व के बारे में बताए। ततपश्चात ज्योतींद्र नाथ ठाकुर ने विस्तार से अपने पिता जिवेंद्रनाथ ठाकुर जी के बारे में बताया, महिलाओं की शिक्षा, बेरोजगार युवाओं को नौकरी, सामाजिक संगठन, विभिन्न धार्मिक मठों का संरक्षण आदि के बारे में विस्तार से बताया । इसके बाद पंडित सुरेंद्र नाथ मिश्र के व्यक्तित्व के बारे में विस्तार से जानकारी पंडित विजय कुमार झा ने दी।  इन्होंने बताया की सुरेंद्र मिश्र जी 1945 मे मैथिल ब्राह्मण सभा के युवा सचिव थे। नगर निगम में शिक्षक थे, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष थे, कामरेड सुधीर मुखर्जी के साथ प्रसिद्ध वामपंथी विचारधारा के नेता थे, अपनी बात तुकबंदी से बोलते थे,कविता में अपनी बात बोलते थे।

इसके बाद सम्मान समारोह में अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन,मॉरीशस से लौटे मैथिल ब्राह्मण समाज के शारदेन्दु झा, अनिता झा, नीता झा का शाल, श्रीफल सम्मान पत्र द्वारा अतिथियों ने सम्मान किया। विजय झा, ज्योतिन्द्र ठाकुर, शुभ्रा ठाकुर, विनोद झा,डॉ बसंतलाल झा का भी संम्मान सम्मान पत्र,शाल,श्रीफल से किया गया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन समीर ठाकुर द्वारा किया गया।