CRPF का सब इंस्पेक्टर डिजिटल अरेस्ट का शिकार, 17 दिन में गंवा दिए 22 लाख
रायपुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले में डिजिटल अरेस्ट का एक और मामला सामने आया है। इस बार CRPF के सब इंस्पेक्टर ने फ्रॉड कॉल के चक्कर में आकर 22 लाख रुपये गंवा दिए। ठगों ने SI को खाते से गैर कानूनी काम होने का डर दिखाया। कॉल के झांसे में एसआई इस तरह आ गया कि उसने गिरफ्तारी के डर से पत्नी के जेवर गिरवी रखकर और बेटे के नाम की एफडी तोड़कर फ्रॉड करने वालों द्वारा बताए गए विभिन्न खातों में 22 लाख रुपये डाल दिए। एसआई ने मामले की रिपोर्ट गांधीनगर थाने में दर्ज कराई है।
मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल अंबिकापुर में सब इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ आर. महेन्द्रन पिता के. रामास्वामी (55) 5 जून की सुबह करीब 9.23 बजे सीआरपीएफ कैंप अंबिकापुर में था। इसी बीच एक व्यक्ति ने मोबाइल पर कॉल कर कहा कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट गवर्मेंट ऑफ इंडिया दिल्ली से रविशंकर बोल रहा हूं। आपके आधार से सिम कार्ड लिया गया है और उक्त सिम से गैर कानूनी काम हो रहे हैं। सिम को 2 घंटे में बंद कर दिया जाएगा और इसकी रिपोर्ट दिल्ली पुलिस में की जा रही है। कुछ देर बाद पुन: दिल्ली पुलिस के नाम से एक व्यक्ति ने फोन कर सीआरपीएफ एसआई का नाम पूछा और मोबाइल पर वीडियो कॉल किया। 17 दिनों तक ठगी का सिलसिला चलने के बाद जब फ्रॉडों का मोबाइल बंद बताने लगा तो सीआरपीएफ एसआई को ठगी का एहसास हुआ। इसके बाद उसने मामले की रिपोर्ट गांधीनगर पुलिस थाने में दर्ज कराई।
एसआई आर. महेन्द्रन के मुताबिक सामने वाला व्यक्ति पुलिस यूनिफॉर्म में था। उसने अपना आईडी दिखाते हुए कहा कि आपके आधार से बैंक ऑफ बड़ौदा नेहरू पैलेस दिल्ली में 23 जनवरी 2025 को खाता खोला गया है। इसमें गैर-कानूनी रुपयों का लेन-देन हो रहा है। सीआरपीएफ जवान ने बताया कि वह मेरा खाता नहीं है। इसके बाद उसने कहा कि इस खाते में लगभग 2 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। इस मामले में पकड़े गए आरोपी ने बयान दिया है कि उसने खाताधारक को 10% कमीशन दिया है। फ्रॉड ने एसआई से कहा कि आपके खाते का वेरीफिकेशन होगा। ठग ने खाता नंबर देकर रुपये ट्रांजेक्शन करने के लिए कहा।
सीआरपीएफ एसआई ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वीडियो कॉल पर डीसीपी सीबीआई के नाम पर दूसरा व्यक्ति बात करने लगा। उसने सीआरपीएफ जवान को एक खाता नंबर दिया। उसमें 6 जून को 49 हजार 999 रुपये डालने के लिए कहा। सीआरपीएफ एसआई ने दिए गए खाते में सैलरी अकाउंट से रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद उसने सीआरपीएफ जवान को कहा कि तुम्हारे खाते में जितना पैसा है, उसका वेरीफिकेशन किया जाएगा। सीआरपीएफ जवान ने डर से अपने खाते का 2 लाख 58 हजार 648 रुपये दिए गए अलग-अलग खाते में ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद अलग-अलग दिनों तक ठगी की जाती रही।