हीराकुंड बांध से पहली बार छोड़ा गया बाढ़ का पानी, छत्तीसगढ़ से आए जल प्रवाह ने बढ़ाया जल स्तर
लगातार बारिश और छत्तीसगढ़ से बढ़ते जल प्रवाह के चलते हीराकुंड बांध का जल स्तर रविवार को तेजी से बढ़ गया, जिसके बाद इस मानसून सत्र में पहली बार बांध से बाढ़ का पानी छोड़ा गया। सुबह सबसे पहले स्लुइस गेट नंबर 7 खोला गया और फिर स्थिति को देखते हुए कुल 12 गेट खोल दिए गए।
बांध नियंत्रण कक्ष के अनुसार, रविवार सुबह 9 बजे जलाशय का जल स्तर 609.54 फीट रिकॉर्ड किया गया। उस समय 1,30,028 क्यूसेक पानी बांध में आ रहा था, जबकि 38,164 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। इसमें से 34,313 क्यूसेक पानी बिजली उत्पादन के लिए पावर चैनल में डायवर्ट किया गया। 3,223 क्यूसेक सिंचाई और 234 क्यूसेक पानी औद्योगिक उपयोग के लिए छोड़ा गया। सिंचाई के लिए छोड़े गए पानी को बरगढ़ मुख्य नहर (2,755 क्यूसेक), सासन मुख्य नहर (400 क्यूसेक), और संबलपुर डिस्ट्रीब्यूटरी (68 क्यूसेक) में वितरित किया गया। बांध में जल स्तर बढऩे के पीछे छत्तीसगढ़ स्थित कलमा बैराज के सभी 46 गेटों का खुलना भी एक प्रमुख कारण बताया गया है, जिससे महानदी जल प्रणाली में अचानक पानी की मात्रा बढ़ गई।
गौरतलब है कि पिछले साल हीराकुंड से बाढ़ का पानी पहली बार 28 जुलाई को छोड़ा गया था, जब जल स्तर 617.29 फीट तक पहुंच गया था। इस साल यह प्रक्रिया अपेक्षाकृत पहले शुरू करनी पड़ी।