छत्तीसगढ़

जानिए कौन हैं नीली छतरी वाले गुरूजी और क्यों दिल्ली में मिला उन्हें सम्मान

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले की शासकीय प्राथमिक शाला सकड़ा के सहायक शिक्षक रूद्रप्रताप सिंह राणा को शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट प्रदर्शन के लिए नई दिल्ली में आस एक प्रयास ट्रस्ट की ओर से लाइव्स रियल हीरोज ऑफ इंडिया अवार्ड 2023 से नवाजा गया। सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद और आचार्य प्रद्युम्न (योग गुरु बाबा रामदेव के गुरु) ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया।

नीली छतरी वाले गुरुजी के नाम से विख्यात रूद्रप्रताप सिंह राणा ने कोरोना काल में बच्चों को सुरक्षित रखते हुए पढ़ाई से जोड़े रखा। उनकी कहानी सभी को प्रेरणा देती है कि जीवन को कैसे महान बनाया जा सकता है। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के दौरान बच्चों को सुरक्षित रखते हुए सीखने-सिखाने की प्रक्रिया से जोड़े रखने का विचार ही काफी है।

उन्होंने सोचा कि बच्चे स्कूल नहीं जा सकते तो क्यों न स्कूल को ही बच्चों तक ले जाया जा सके। तब उन्होंने अपनी मोटर साइकिल पर घंटी, ग्रीन बोर्ड, छोटा सा पुस्तकालय और नीली छतरी सजाकर गांव के एक मोहल्ले में बच्चों को बिना एक दूसरे से संपर्क बनाए पढ़ाना शुरू किया। तब से इनका नाम नीली छतरी वाले गुरुजी भी पड़ा। कोरोना काल में बच्चों को सीखने-सिखाने की प्रक्रिया से जोड़े रखने की यह सुरक्षित तरीका प्रधानमंत्री को भी भाया। उन्होंने मन की बात कार्यक्रम में इसका जिक्र भी किया।

शिक्षक राणा ने अपने मित्रों के साथ मिलकर पहुंच विहीन और नेटवर्क रहित क्षेत्रों के लिए सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ में मोहल्ला क्लास का कॉन्सेप्ट दिया, जो आगे चलकर देशभर काफी चर्चित और लोकप्रिय हुए। उन्होंने सुदूर वनांचल ग्राम सकड़ा के प्राथमिक शाला का शासन एवं समाज के सहयोग से कायाकल्प कर उसे एक आदर्श स्कूल के रूप से स्थापित किया।