छत्तीसगढ़

राजधानी सहित इन जिलों में बन रहा गोबर से पेंट, जानिए क्या है फायदे

रायपुर। प्रदेश के गोठानों ग्रामीण औद्योगिक पार्क विकसित किया जा रहा है।  गोठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए संयंत्र की स्थापना की गई है। राजधानी रायपुर में दो यूनिट सहित प्रदेश में कुल 13 यूनिट शुरु हो गई है। वहीं 21 जिलों के 32 चिन्हित गोठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की यूनिट स्थापना अंतिम चरण में है, जहां शीघ्र ही उत्पादन होने लगेगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप राज्य में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए स्थापित गोठान तेजी से ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित होने लगे हैं। गोठानों में विविध आयमूलक गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ नवाचार के रूप में गोबर से प्राकृतिक पेंट का उत्पादन तेजी से होने लगा है।

वर्तमान में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए 13 यूनिटें शुरू हो चुकी है। क्रियाशील यूनिटों के माध्यम से अब तक 30,218 लीटर पेंट का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 14,358 लीटर बेचकर 29 लाख 70 हजार की आय हुई है।

गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए कुल 45 पेंट उत्पादन यूनिट की स्वीकृति दी गई है। जिसमें 13 की स्थापना पूरी कर वहां उत्पादन शुरू कर दिया गया है। रायपुर जिले में 2 यूनिट स्थापित हुई है, जबकि कांकेर, दुर्ग, बालोद, कोरबा, कोरिया, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बेमेतरा, सूरजपुर एवं बस्तर जिले में 1-1 यूनिट स्थापित एवं क्रियाशील हो चुकी हैं।

रायपुर जिले की 2 यूनिटों में अब तक सर्वाधिक 11 हजार लीटर, कांकेर में 7768 लीटर, दुर्ग में 2900, बालोद में 700, कोरबा में 284, कोरिया में 800, कोण्डागांव में 2608, दंतेवाड़ा में 1443, बीजापुर में 800, बेमेतरा में 300, सूरजपुर में 500 एवं बस्तर में 1160 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन हुआ है।