छत्तीसगढ़

Water Adventure: उदंती अभयारण्य में मिलेगी कयाकिंग जैसी सुविधाएं, जानिए और क्या होगा खास

रायपुर।  प्रदेश के उदंती अभयारण्य में अब महानगरों की तर्ज पर कयाकिंग जैसे वाटर एडवेंचर की सुविधा मिलेगी। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग ने प्राकृतिक नदी, जलप्रपातों में कयाकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई है। वन विभाग की यह पहल गरियाबंद जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है।
 
गौरतलब है कि उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के युवा उपनिदेशक वरूण जैन उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहे है। वन विभाग ने मैनपुर से महज 25 किमी दूर सोंढुर जलाशय में नौका विहार की सुविधा उपलब्ध कराई है। इसके साथ ही ईको टुरिज्म पार्क का निर्माण कार्य करवाया। महज 30 रूपये के शुल्क में पर्यटक सोंढुर जलाशय में नौका विहार का आनंद ले रहे है।

 
मैनपुर से 18 किमी दूर कुल्हाड़ीघाट से लगे देवदहरा जलप्रपात के निचले हिस्से में वन विभाग ने कयाकिंग बोट की व्यवस्था की है। पर्यटक अब यहां कयाकिंग का आनंद ले सकते है। एक हफ्ते पहले ही विभाग ने चार कयाकिंग बोट मंगाए है।  वन विभाग ने बताया कि बोट चलाने के लिए लोगों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इधर  कुल्हाड़ीघाट वन परिक्षेत्र में कयाकिंग की व्यवस्था करने से देवदहरा जलप्रपात में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
 
 

कयाकिंग एक वाटर एक्टीविटी है जिसमें छोटी नाव जिसे कयाक कहते है, उस पर बैठकर पानी में तैरा जाता है। यह सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद बताया जता है। बड़े महानगरों में यह सुविधाएं पहले से उपलब्ध है, लेकिन गरियाबंद जिले में सिर्फ उदंती अभ्यारण्य के कुल्हाड़ीघाट देवदहरा जलप्रपात नदी में यह सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।