छत्तीसगढ़

कोरबा में हाथियों का कुनबा.. दो दशक पहले थे चार अब बढ़कर हुए इतने

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में दो दशक पहले चार हाथियों ने दस्तक दी। यह चारों हाथी यहां आने के बाद यहीं के होकर रह गए। चारों हाथों ओडिशा के रास्ते यहां पहुंचे थे। इन हाथियों को कोरबा का जंगल इतना रास आया कि वह अब यही के होकर रह गए हैं।

साल 2000 में पहली बार कोरबा वनमंडल के बालको रेंज में हाथियों ने अपनी दस्तक दी थी। उस समय 4 हाथी पहली बार कोरबा में आए थे और वापस जंगल लौट गए थे। हाथियों के झुंड को कोरबा का जंगल भा गया और उसके बाद इस जंगल से लगातार नाता बनाए रखे और जंगल में आना-जाना करते रहे। जिले के जंगल में हाथियों को खाने पीने के लिए उनके पसंद के अनुरूप भोज्य पदार्थ उपलब्ध होते है। पिछले दो दशक के दौरान कोरबा में हाथियों के कुनबे में वृद्धि हुई है, लेकिन जंगल में विचरण के दौरान हाथियों की मौत भी हो रही है। जिसमें जंगल में करंट लगने या फिर जहर देने की घटनाएं सामने आयी। कोरबा जिले के जिलगा परिसर के धवन नाला जंगल में आज हाथियों के दल का विश्राम करते हुए ड्रोन कैमरे का वीडियो सामने आया है।