छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सीवरेज परियोजना का मामला एक बार फिर विधानसभा में उठा है। 180 करोड़ रुपए से शुरू हुई इस परियोजना की लागत 14 साल में 400 करोड़ रुपए हो गई है। फिर भी अब तक काम पूरा नहीं हो सका है। वहीं, कंपनी की लापरवाही से लगातार इस परियोजना से लोगों की जानें जा रही है। दो दिन पहले ही सीवरेज के गड्ढे में गिरकर 17 साल के लड़के की मौत हो गई थी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के आदेश पर संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने इस मामले की जांच की घोषणा की है।
विधानसभा की कार्रवाई के दौरान वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि दो दिन पहले सीवरेज के गड्ढे में 17 साल का लड़का गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि सीवरेज परियोजना की शुरुआत 180 करोड़ रुपए की लागत से 2008 में शुरू हुआ था, जिसे 24 माह में पूरा होना था। लेकिन, यह परियोजना अब बिलासपुर के लोगों के लिए अभिशाप बन गई है। उन्होंने मांग की कि कंपनी प्रबंधन और उसके अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए और मृतक के परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा राशि दी जाए।
विधायक धर्मजीत सिंह के साथ ही बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय, मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले ने भी इस मुद्दे को उठाया। नेताओं ने कहा कि 14 साल से यह योजना अधूरी है और इस बीच इसकी लागत 180 करोड़ रुपए से बढ़कर 400 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। लेकिन, इसका लाभ शहर की जनता को नहीं मिल रहा है।
विधानसभा में बताया गया कि सीवरेज कंपनी की लापरवाही के चलते इस परियोजना से 14 साल में अलग-अलग हादसों में 12 लोगों की मौतें हो चुकी है। वहीं, 60 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। नेताओं ने कहा कि सीवरेज के खोदे गए गड्ढों में सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है, जो प्रबंधन और अधिकारियों की लापरवाही है। उन्होंने ठेकेदार पर भी कार्रवाई करने की मांग की है।