डेस्क। रंग पंचमी के साथ ही विक्रम संवत 2079 की अंतिम बेला आ चुकी है और ठीक एक सप्ताह के बाद हिन्दू नववर्ष यानी विक्रम संवत 2080 शुरु होने जा रहा है। इस बार 22 मार्च को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी हिन्दू नववर्ष का योग बना है। नव संवत्सर के साथ ही शक्ति की पूजा का महापर्व चैत्र नवरात्रि भी प्रारंभ हो जाएगा। एक लंबे अंतराल के बाद यह अवसर आया है, जब माता रानी का दरबार पूरे 9 दिनों के लिए सजने वाला है। इस बार माता का आगमन नौका में विराजे होगा और प्रस्थान डोली पर होगा जो बहुत शुभकारी बताया जा रहा है।
आमतौर पर तिथियां एक—दूसरे में चढ़कर निकल जाती हैं, जिसकी वजह से नवरात्रि पूरे 9 दिनों की नहीं हो पाती थी, लेकिन इस बार गजब का संयोग बना है, जिसकी वजह से इस बार पूरे 9 दिनों तक मां के 9 स्वरूपों की पूजा होगी। नवरात्र के संयोग के बारे में बताया जा रहा है कि चार ग्रहों का परिवर्तन नवरात्र पर देखने को मिलेगा। यह संयोग 110 वर्षों के बाद मिल रहा है। इस वर्ष के राजा बुद्ध और मंत्री शुक्र ग्रह होंगे। जिसके चलते शिक्षा क्षेत्र में बहुत क्रांति के अवसर मिलेंगे और महिलाओं का भी विशेष उत्थान इस वर्ष दिखाई पड़ेगा।
पहला दिन 22 मार्च 2023 दिन बुधवार: मां शैलपुत्री पूजा (घटस्थापना)
दूसरा दिन 23 मार्च 2023 दिन गुरुवार: मां ब्रह्मचारिणी पूजा
तीसरा दिन 24 मार्च 2023 दिन शुक्रवार: मां चंद्रघंटा पूजा
चौथा दिन 25 मार्च 2023 दिन शनिवार: मां कुष्मांडा पूजा
पांचवां दिन 26 मार्च 2023 दिन रविवार: मां स्कंदमाता पूजा
छठवां दिन 27 मार्च 2023 दिन सोमवार: मां कात्यायनी पूजा
सातवं दिन 28 मार्च 2023 दिन मंगलवार: मां कालरात्रि पूजा
आठवां दिन 29 मार्च 2023 दिन बुधवार: मां महागौरी
9वां दिन 30 मार्च 2023 दिन गुरुवार: मां सिद्धिदात्री