दिव्यांग बालिका विकास गृह की कम्लेश्वरी बनीं सखी निवास की मैनेजर
रायपुर। 16 वर्षों से महाराष्ट्र मंडल के दिव्यांग बालिका विकास गृह में रहकर बीकाम, एमए (हिंदी), बीएड और पीजीडीसीए करने वाली कम्लेश्वरी साहू को मंडल अध्यक्ष अजय मधुकर काले ने कामकाजी महिला वसती गृह (सखी निवास) के मैनेजर पद का नियुक्ति पत्र सौंपा। सखी निवास में चंडी बलौदाबाजार निवासी दिव्यांग कम्लेश्वरी साहू को रोजगार का बेहतरीन अवसर देकर महाराष्ट्र मंडल ने अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस को सही मायनों में सार्थकता प्रदान की।
दिव्यांग बालिका विकास गृह में ही रहकर एमकाम, पीजीडीसीए करने के बाद डीएलएड कर रहीं दिव्यांग नेहा सिन्हा ने मंगलवार की देर शाम महाराष्ट्र मंडल में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में अध्यक्ष काले से नये कंप्यूटर सिस्टम की मांग की। क्योंकि पुराने कंप्यूटर में तकनीकी खराबी है। अध्यक्ष ने उनकी मांग को तत्कालमानते हुए उन्हें तत्काल कंप्यूटर देने का आदेश मंडल प्रबंधक को दिया। कवर्धा निवासी नेहा डीएसपी बनने के लिए पीएससी की तैयारी भी कर रही है। समाजशास्त्र में एमए करने वाली दिव्यांग बालिका विकास गृह की सीमा सारथी इन दिनों एक फिटनेस सेंटर में काम कर रही है। इसके साथ ही वे भी सीजीपीएससी की जोरशोर से तैयारी कर रहीं हैं।
मंडल अध्यक्ष काले ने दिव्यांग बालिका विकास गृह की बच्चियों के आत्मविश्वास की प्रशंसा की। उन्हें सीजीपीएससी समेत अन्य व्यावसायिक प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने के लिए की जाने वाली तैयारियों की जानकारी दी और कहा कि मोबाइल, सोशल मीडिया और बाहर की दुनिया से दूर होकर प्रतिदिन कम से कम 16 घंटे की पढ़ाई के बाद ही हम बेहतर परिणाम की उम्मीद कर सकते हैं। मंडल के वरिष्ठ सभासद अनिल कालेले ने कहा कि सबसे पहले एकमात्र लक्ष्य निर्धारित करें और उसे हासिल करने के लिए पूरी क्षमता से जुट जाएं। सफलता जरूर मिलेगी। वरिष्ठजन सेवा समिति के प्रभारी दीपक पात्रीकर ने भी दिव्यांग बच्चियों के लिए आशीर्वचन कहे।
सचेतक रविंद्र ठेंगड़ी ने कहा कि लक्ष्य निर्धारित करने के बाद आपकी ओर से की जाने वाली तैयारियों के बीच बहुत सी बाधाएं, तकलीफें और तनाव आएंगे। उन्हें नजर अंदाज कर आगे बढ़ने पर ही आपकी तैयारी सफल होगी। दिव्यांग बालिका विकास गृह के प्रभारी प्रसन्न विजय निमोणकर के मुताबिक तीव्र गति से दिव्यांग बालिका विकास गृह भवन को नई साज- सज्जा और सुविधाओं के साथ नया स्वरूप दिया जा रहा है। इसका प्रत्यक्ष लाभ हमारी दिव्यांग बच्चियों को मिलेगा और इससे उनके एजुकेशन के परफार्मेंस में और सुधार होगा।
प्रमुख समन्वयक श्याम सुंदर खंगन ने दिव्यांग बच्चियों से कहा कि प्रतियोगी परीक्षाएं हो या स्कूल कालेज की, किसी भी तरह की सुविधा या अतिरिक्त मदद के लिए उन्हें तत्काल नि:संकोच यहां महाराष्ट्र मंडल में सूचित करना चाहिए। इससे हम उन्हें लाभान्वित कर सकें। दिव्यांग दिवस पर मंडल के पदाधिकारियों ने दिव्यांग बच्चियों को खूबसूरत उपहार भी दिए।