महाराष्ट्र मंडल रविवार शाम 5 बजे व्यस्ततम चौराहों पर चलाएगा मतदाता जागरूकता अभियान
रायपुर। महाराष्ट्र मंडल रविवार नौ फरवरी को शाम पांच बजे से शहर के व्यस्ततम चौराहों पर और मंदिरों में मतदाता जागरूकता अभियान चलाएगा। अभियान की शुरुआत शनिवार को राम रक्षा स्त्रोत व हनुमान चालीसा पाठ अभियान में शामिल लोगों को वोट डालने का संकल्प दिलाकर हो चुकी है। इस अभियान को व्यापक स्वरूप प्रदान करने के लिए मंडल की सभी समितियों और महिला केंद्रों को भी जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
महिला प्रमुख विशाखा तोपखानेवाले और आध्यात्म समिति प्रमुख रेणुका पुराणिक ने बताया कि प्रत्येक शनिवार को शाम 7 बजे 15 केंद्रों की महिलाएं समीपस्थ हनुमान मंदिरों में राम रक्षा स्त्रोत और हनुमान चालीसा का पाठ करतीं हैं। शनिवार को महिला केंद्रों के सभासदों ने समीपस्थ मंदिरों में जाकर राम रक्षा स्त्रोत और हनुमान चालीसा पाठ किया तत्पश्चात उन्होंने उपस्थित भक्तजनों को मतदान करने के लिए जागरूक भी किया और उन्हें शपथ दिलाई। वहीं रविवार शाम पांच बजे शहर के व्यस्ततम चौराहों पर मतदाता जागरूकता अभियान में बढ- चढकर हिस्सा लेने का आग्रह भी किया गया। युवा समिति के समन्वयक विनोद राखुंडे ने बताया कि इस अभियान में आजीवन सभासदों के अलावा बाहर के लोगों को बड़ी संख्या में जोड़ने का प्रयास जारी है।
अध्यक्ष अजय मधुकर काले ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव में एक वोट पार्षद को चुनने के लिए देना होता है, तो दूसरा मत राजधानी का प्रथम नागरिक यानी महापौर निर्वाचित करने के लिए देना पडता है। इस तरह प्रत्येक मतदाता को ईवीएम में दो वोट डालकर नगर निगम की चुनावी प्रक्रिया को अपनी ओर से पूर्ण करना होता है। यही बात आमजनों को समझाने- बताने की चुनौती है क्योंकि लोग हडबडी में एक ही वोट डालकर बाहर आ जाते हैं। कई बार प्रत्याशियों के प्रति निजी राजी- नाराजगी को लेकर भी लोग अपने मताधिकार का अपेक्षित उपयोग नहीं करते। उन्हें भी हर एक वोट का महत्व समझाकर मतदान करवाना है। इसके लिए हम शहर के हजारों मतदाताओं से संपर्क कर उनसे मतदान करने की अपील करेंगे।
सचिव चेतन गोविंद दंडवते के मुताबिक छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर लगभग पूर्णत: साक्षर और जागरूक है। फर भी यहां का मतदान प्रतिशत उत्साहजनक नहीं रहता। बल्कि बस्तर ओर सरगुजा जैसे सुदूर क्षेत्रों में भी रायपुर से बेहतर मतदान होता है। हम एक दशक से मतदान का प्रतिशत का बढाने का हरसंभव कर रहे हैं। इसका प्रत्यक्ष लाभ मराठी समाज को 90 फीसदी से अधिक मतदान के रूप में देखने को मिलता है। दंडवते ने कहा कि 25 जनवरी को मकर संक्रांति के हल्दी-कुमकुम काय्रक्रम में भी महिलाओं से खचाखच भरे संत ज्ञानेश्वर सभागृह में हमने नगर निगम चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान करने और करवाने की शपथ दिलाई थी।