दिव्य महाराष्ट्र मंडल

महाराष्ट्र मंडल में परीक्षा पर चर्चा: डा. मुकेश शाह बोले- हाकिमी और प्राण मुद्रा का नियमित अभ्यास भूलने की समस्या से दिलाएगा निजात

रायपुर। हम पढ़ते, सबकुछ याद करते है, पूरी तैयारी के साथ पेपर देने जाते है। परीक्षा में उत्साह के साथ बैठते है  पेपर में दिए प्रश्न को देखते ही लगता है कि इस सवाल का जवाब मैंने पढ़ा था, लेकिन याद नहीं आ रहा है। ऐसी समस्या लगभग सभी के साथ होती है। फिर काफी जोर देने के बाद कुछ लोगों को कुछ याद आता कुछ को नहीं आता। जिन्हें याद आया वो कुछ लिख पाते है, जिन्हें याद नहीं आया वह नहीं लिख पाते है। हाकिमी और प्राण मुद्रा योग की दो ऐसी मुद्राएं है जो आपकी याद करने की क्षमता को बढ़ाती है। इसका नियमित अभ्यास आपके लिए लाभकारी होगा। उक्ताशय के विचार छत्रपति शिवाजी स्कूल के डायरेक्टर डा. मुकेश शाह ने महाराष्ट्र मंडल द्वारा आयोजित परीक्षा पर चर्चा के दौरान बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चों से कहीं। 

बच्चों को संबोधित करते हुए डा. मुकेश शाह ने कहा कि हाथ की पांचों ऊंगलियों में अंगूठे की ओर से क्रमशः अग्नि, वायु, आकाश, पृथ्वी और जल होता है। सभी पांचों ऊंगलियों के कोर यानी नाखून से लगे हुए हिस्से को आपस में जोड़ लें। यानी अंगूठे से अंगूठा, तर्जनी से तर्जनी, मध्यमा से मध्यमा, अनामिका से अनामिका और कनिष्ठा से कनिष्ठा को। दोनों हाथों को जोड़कर प्रतिदिन दिन में तीन से चार बार पांच-पांच मिनट के लिए रखें। ऐसा करने से याद करने की क्षमता बढ़ेगी। 



प्राण मुद्रा के बारे में बताते हुए शाह ने कहा कि दोनों हाथों के अंगूठे, कनिष्ठा और अनामिका ऊंगली को एक ही स्थान पर जोड़कर रखे और तर्जनी और मध्यम ऊंगली को सीधा रखे। यह अभ्यास भी ब्रेन पावर को बढ़ाने में सहायक होता है। उन्होंने कहा कि आप सभी आज इसी हाल से इन दोनों अभ्यास को करना शुरू करें, एक साल के अभ्यास के बाद आपको खुद को इसका रिजल्ट नजर आएगा। शाह ने पढ़ाई के दौरान बच्चों को बैठने की पोजीशन सही रखने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि स्पाइनल काट हमारे शरीर की जान है। इसी कुछ हुआ तो इसकी परेशानी का अंदाजा लगाना मुश्किल है। ऐसे में पढ़ाई के साथ बैठने की सही मुद्रा का उपयोग करेंगे तो परीक्षा हाल में आपको बैठने में अपने आप को अनकंफर्ट महसूस नहीं करना पड़ेगा। आपका ध्यान सिर्फ सवाल हर करने में रहेगा।