महाराष्ट्र मंडल में यादगार रहा छत्तीसगढ़ राज्योत्सव
2025-11-04 09:00 PM
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0- एक से एक छत्तीसगढ़ी प्रस्तुतियों से संत ज्ञानेश्वर स्कूल के बच्चों- शिक्षिकाओं, दिव्यांग बालिका विकास गृह की बच्चियों सहित विभिन्न केंद्रों व समितियों ने मचाया धमाल

रायपुर। कला संस्कृति समिति की ओर से राजगीत ‘अरपा पैरी के धार....’ की सुमधुर गीत की पेशकश से शुरू हुआ महाराष्ट्र मंडल का राज्योत्सव अपने अनेकानेक बेहतरीन प्रस्तुतियों के कारण यादगार बन गया। यादगार इसलिए भी कि ज्यादातर महाराष्ट्रियन दर्शकों ने न केवल हर एक प्रस्तुति का तालियों की गडगडाहट से स्वागत किया बल्कि कार्यक्रम को मंचित करने में भी अपनी अहम भूमिका निभाई। वहीं चेंबर ऑफ कामर्स के प्रदेश अध्यक्ष सतीश थौरानी के मुख्य अतिथ्यि से कार्यक्रम और भी गरिमामय हो गया।

संत ज्ञानेश्वर विद्यालय (एसडीवी) की शिक्षिकाओं रचना तिवारी और सरिता पांडे ने छत्तीसगढी में दिलचस्प मंच संचालन से कार्यक्रम को रोचक बना दिया। उत्सव में प्रारंभ से छत्तीसगढ़ के 25 वर्षों के सफर को छत्तीसगढ़ में आचार्य रंजन मोड़क ने बहुच अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया और हास्य और रोचक अंदाज में महाराष्ट्र मंडल का भी परिचय दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ संत ज्ञानेश्वर स्कूल के बच्चों की छत्तीसगढ़ी नाच से हुआ। वहीं अवंती विहार महिला केंद्र की महिलाओं ने बहुत ही सुंदर ढोल बजाकर सभी का मन मोह लिया।

उपाध्यक्ष गीता दलाल के संयोजकत्व में हो रहे इस आयोजन में अगली प्रस्तुति कमल विहार- न्यू राजेंद्र नगर के महिलाओं की छत्तीसढ में बारह मासी तीज-त्योहारों को दर्शाती प्रस्तुति रहीं। इसमें महिलाओं के राउत नाचा में दर्शक भी झूम उठे। सद्गुरु कबीर ने अपने सिद्धहस्त बांसुरी वादन से सुप्रसिद्ध छत्तीसगढी गीत ‘सुन सुन मोर मया पीरा के, मोर संगवारी रे’ की सुंदर पेशकश की। अर्पिता बेडेकर निर्देशित नाटक ‘विद्या के अंजोर’ ने जीवन में शिक्षा के महत्व को पूरी संजीदगी से मंचित किया।

इसी प्रकार वल्लभनगर केंद्र, डंगनिया केंद्र, सुंदर नगर केंद्र, अमलीडीह केंद्र की ओर से ग्रुप डांस प्रस्तुत किया गया। इसी तरह पर्यावरण समिति, स्कूल ग्रुप नृत्य, एस्रडीवी के मिडिल स्कूल ने बारहमासी नृत्य से दर्शकों को प्रभावित किया। दिव्यांग बालिका विकास गृह की महालक्ष्मी साहू ने अपने असरदार गायन से आयोजन की शोभा बढाई। कार्यकारी महिला प्रमुख अपर्णा देशमुख का मोनो प्ले हटकर प्रस्तुति रही। अंकिता किरवई एवं वनिता ने सुंदर युगल नृत्य पेश किया। दिव्यांग बालिका सीमा सारथी का डांस प्रेरक रहा। वहीं एसडीवी टीचर्स ग्रुप डांस ने बच्चों को भी प्रेरित किया।
