दिव्य महाराष्ट्र मंडल

महाराष्ट्र मंडल में जयंती पर याद किए गए बाबा साहेब आंबेडकर

रायपुर। महाराष्ट्र मंडल में शुक्रवार को बाबा साहेब अंबेडकर जयंती सादगी के साथ मनाई गई। इस अवसर पर महाराष्ट्र नाट्य मंडल के निर्देशक अनिल कालेले और वरिष्ठ सदस्य प्रसन्न निमोणकर ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तस्वीर पर माल्यार्पण किया और उनके जीवन संघर्ष की गाथा सुनाई।

प्रसन्न निमोणकर ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर का जन्म दलित परिवार में हुआ। अत्यधिक मुश्किलों में उनका बचपन बीता। उस काल में निम्न जाति का होने के कारण उन्होंने अपने परिवार के साथ बहुत से सामाजिक बहिष्कार, अपमान और भेदभाव का सामना किया। कालांतर में उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया। अनेक सामाजिक विपदा और गरीबी के बीच संघर्ष करके आदमी अपने जीवन को कैसे प्रेरणास्पद बना सकता है, इसका जीवंत प्रमाण हैं डाॅ. आंबेडकर।

अनिल कालेले ने कहा कि डा. बाबा साहेब ने धैर्य और वीरता का परिचय देते हुए 1915 में ग्रेजुएट किया। 1917 में नेशनल डेवलपमेंट फॉर इंडिया एंड एनालिटिकल विषय पर पीएचडी की। 1917 में ही लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में उन्होंने अर्थशास्त्र की पढ़ाई पूरी की। कुशाग्र बुद्धि के बाबा साहेब आंबेडकर ने 64 विषयों में मास्टर थे। नौ भाषाओं के जानकार थे। यह बताना इसलिए जरूरी है की न्यूनतम सुविधा एवं नगण्य साधनों के बावजूद उन्होंने अपने जीवन को ऐसा ढाला कि स्वतंत्र भारत देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल का यानी स्वतंत्र भारत का पहला कानून मंत्री बनाया।
 
अनिल कालेले ने आगे कहा कि उन्हें भारत की स्वतंत्रता के दो हफ्ते में ही संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति का प्रमुख भी बनाया गया। बाबा साहेब आंबेडकर ने महात्मा गांधी और कांग्रेस की ओर से दलितों के लिए दिए गए शब्द हरिजन का पुरजोर विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि दलित भी आम इंसान की तरह ही हैं, इसलिए उन्हें अलग से हरिजन कहने की जरूरत नहीं है। आज महाराष्ट्र मंडल बाबा साहेब को उनकी जयंती पर स्मरण कर गौरवान्वित और रोमांचित है।

इस मौके पर महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष अजय काले, सचिव चेतन दंडवते, भवन निर्माण समिति के प्रभारी रामदास यशवंत जोगलेकर, युवा समिति के प्रभारी विनोद राखुंडे, पर्यावरण समिति के प्रभारी अभय भागवत, शचिन्द्र देशमुख, प्रशांत देशमुख, नवीन देशमुख, प्रवाह नासरे, मेघा पोतदार, शुचिता देशमुख सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सचेतक रविंद्र ठेंगड़ी ने आभार व्यक्त किया।