दिव्य महाराष्ट्र मंडल

महाराष्ट्र मंडळ की महिला केंद्रों में... पारंपरिक तौर से मनाया गया चैत्र गौर... उत्साहित सदस्यों ने किया हल्दी—कुमकुम

रायपुर। महाराष्ट्रीय समाज में चैत्र गौर को पर्व की तरह मनाने की परंपरा है। हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथी से इस व्रत की शुरुआत होती है। वैशाख महिने की तृतीय तिथी तक यह व्रत किया जाता है। इस व्रत का मुख्य उद्देश्य है गौरी देवी को झुले में स्थापित करना और एक महीना उनकी पूजा करना।

राजधानी रायपुर में महाराष्ट्र मंडळ की विभिन्न महिला केंद्रों में हर साल चैत्र गौर पर्व को पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है। इस बार भी शंकर नगर महिला केंद्र, रोहिणीपुरम् महिला केंद्र और टाटीबंध महिला केंद्र सहित अन्य महिला केंद्रों में भी इसका आयोजन किया गया।
 
 

महाराष्ट्र मंडळ शंकर नगर महिला केंद्र की संयोजिका सौ. रैना पुराणिक ने बताया की गौरी की स्थापना व सजावट में तोषिका भुजवाल, रैना पुराणिक, संगीता राजिमवाले, आरती गोवर्धन, मधुरा भागवत, आयुषी विठ्ठलकर और कविता लांजेवार ने अपना योगदान दिया। 

इस मौके पर चैत्र गौर व हल्दी कुमकुम की महत्ता के बारे में अर्चना भंडारकर ने बताया। इस मौके पर आरती गोवर्धन, भूमिका गिजारे, अनुभा काळे, वैशाली निमजे, सविता कोमाजवार, श्रीमती कुलकर्णी ने जहां देवी भजन की प्रस्तुति दी, तो वहीं देविका देशपांडे, डॉ. शेफाली और मानुश्री ने अपने नृत्य से सबका मन मोह लिया। 
 
 

महाराष्ट्र मंडळ की सह सचिव गीता श्याम दलाल ने सभी सदस्यो का स्वागत करते हुए आगामी दिनों मे मंडळ एवं बालवाचनालय मे होने वाले कार्यक्रमो की जानकारी दी। इस आयोजन को लेकर संगीता राजिमवाले ने आभार प्रदर्शन किया।