दिव्य महाराष्ट्र मंडल

अखंडमंडलाकारं व्याप्तं येन चराचरम्। तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः

रायपुर।  वैसे तो गुरु की महिमा का वर्णन करना संभव नहीं है, क्योंकि गुरु सूर्य के प्रकाश के समान है और गुरु की महिमा का वर्णन करना सूर्य के समक्ष दीप दिखाने जैसा होगा. गुरु ही हमारे शिक्षा, ज्ञान और जीवन का आधार है। गुरु पूर्णिमा पर महाराष्ट्र मंडल द्वारा संचालित संत ज्ञानेश्वर स्कूल में शनिवार 20 जुलाई को गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर बच्चों को पुरातन काल से चली आ रही गुरू शिष्य परंपरा के बारे में विस्तृत से बताया गया और आज के परिपेक्ष्य में इसकी महत्ता पर प्रकाश डाला गया। 

कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका विनीता सुंदरानी एवं रेणुका शुक्ला ने किया। संगीत शिक्षक अक्षय कुमार ने गुरु वंदना प्रस्तुत कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। शिक्षिका अस्मिता कुसरे ने नृत्य प्रस्तुत किया। सुदेवी विश्वास, अस्मिता कुसरे ने गुरु की स्तुति ,अनिता, प्रीति, स्वेता सभी शिक्षकों ने हॉल का डेकोरेशन किया। था। साथ ही सभी कक्षाओं के विद्यार्थी ने संगीत, भाषण, गीत की भी प्रस्तुति दी।

शिक्षिकाओं ने बच्चों को बताया कि सदैव अपने माता-पिता , बुजुर्ग, घर के बड़ों का, सभी गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए। तथा उनके बताए मार्ग पर अग्रसर होना चाहिए।  कक्षा नर्सरी से कक्षा पांचवीं तक के बच्चों सप्त ऋषि मुनि का महत्व समझाया गया। विद्यार्थियों ने महर्षि वेदव्यास, द्रोणाचार्य, संत ज्ञानेश्वर महाराज, तुलसीदास ,गुरु नानक साहेब ,कबीर दास, रहीम, ,ऋषि दधीचि आदि का रूप धारण कर इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

कार्यक्रम में प्राचार्य मनीष गोवर्धन ने बच्चों को सनातन संस्कृति की इस परंपरा के बारे में बताते हुए कहा कि आज भी गुरूओं का जीवन में उतना ही महत्व है, जितना पुरातन काम में हुआ करता था। आज आधुनिकीकरण जरूर  हुआ है, लेकिन सही ज्ञान का आधार को गुरु ही है। उप्राचार्य राहुल वोडीतेलवार ने बच्चों को निरंतर सीखने की इच्छा रखने की बात कहीं। कार्यक्रम में स्कूल की मॉर्निंग इंचार्ज अपर्णा आठले मैडम भी प्रमुख रुप से उपस्थित थीं।