दिव्य महाराष्ट्र मंडल

परीक्षा में बड़ी सफलता के लिए युद्ध मन के विरुद्ध करना होगा: डॉ. शाह

रायपुर। पढ़ने के दौरान मन भटकता है तो मन को नियंत्रित करने के लिए मन के विरुद्ध युद्ध करना पड़ेगा। डाॅ। मुकेश शाह ने 10वीं और 12हवीं के बच्चों को परीक्षा की तैयारी करने के लिए जरूरी टिप्स देते समय यह बात कही। महाराष्ट्र मंडल में शनिवार को बच्चों की कार्यशाला में डॉ। मुकेश शाह व डॉ। वर्षा वरवंडकर ने बच्चों को आत्मविश्वास के साथ परीक्षा की तैयारी करने और तनाव और दबाव से दूर रहने के कई उपाय बताए।

डाॅ। शाह ने सुबह पढ़ने के फायदे बताते हुए कहा कि सुबह मस्तिष्क की ग्रहण क्षमता सर्वाधिक होती है और मस्तिष्क को व्यवधान पहुंचाने वाली गतिविधियां कम होती हैं। उन्होंने केवल याद करने से चीज़ें सिर्फ दिमाग में रहती है और लिखते समय भूलने की आशंका रहती है, किंतु लिखकर याद करने से उत्तर लिखने में भूलने की आशंका कम रहती है।

डाॅ। मुकेश शाह ने कहा कि पूरे दिन को चार भागों में विभक्त करके सुबह जब विद्यार्थी सबसे ज्यादा ताजगी महसूस करते हैं तब सबसे कठिन विषय पढ़ना चाहिए। दोपहर में उससे कम कठिन और शाम को हल्के और साधारण टॉपिक पढ़ना चाहिए। रात में दिनभर के पढ़े गए विषयों का रिवीजन करना चाहिए।

डा। मुकेश शाह ने कहा कि पढ़ाई के दौरान हर 40 से 50 मिनट में ब्रेक लेकर फिर 10 मिनट बाद वापस पढ़ने में जुट जाए। खाली पेट अथवा भरपेट खाने के बाद न पढ़ें, बल्कि हल्का नाश्ता लेकर ही पढ़ने बैठे। खाली पेट पढ़ने से कमजोरी महसूस होती है क्योंकि पढ़ने के लिए शारीरिक और मानसिक उर्जा खर्च होती है। वहीं भरपेट खाकर पढ़ने बैठने से आलस्य का अहसास होता है। कोई भी विषय कठिन या सरल नहीं होता है, बल्कि हमको जिसमें कम रुचि होती है तथा जिसको हम कम समय देते हैं वह हमें कठिन लगता है।

इससे पहले डाॅ। वर्षा वरवंडकर ने कहा कि परीक्षा की तैयारी के लिए पांच पी प्लान, प्रैक्टिस, परफेक्शन, परफॉरमेंस और पेंशेंस पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 10वीं, 12हवीं बोर्ड की परीक्षा हमारे जीवन की एकमात्र बहुत जरूरी या बड़ी परीक्षा नहीं है बल्कि ऐसी कई परीक्षाएं हमारे शैक्षणिक और व्यावहारिक जीवन में आएंगी इसलिए इस परीक्षा को लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है। 40 मिनट से एक घंटे तक हमारा मस्तिष्क एकाग्र रहता है, इसलिए पढ़ाई करते समय हर एक घंटे के बाद हमें थोड़ा रिलैक्स करना चाहिए। इस दौरान बच्चों ने कई सवालों के माध्यम से अपनी शंकाओं का  डाॅ। वर्षा वरवंडकर और डॉ। मुकेश शाह से समाधान करवाया।

कार्यक्रम के अंत में मंडल अध्यक्ष अजय काले ने डाॅ। शाह का और संत ज्ञानेश्वर स्कूल की वरिष्ठ शिक्षिका चित्रा जावलेकर ने डाॅ। वर्षा वरवंडकर का शाल- श्रीफल और स्मृति चिन्ह् से स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन सचेतक रविंद्र ठेंगड़ी ने और आभार प्रदर्शन शाला सह प्रभारी परितोष डोनगांवकर ने किया।