दिव्य महाराष्ट्र मंडल

महाराष्ट्र मंडल का विशेष आयोजन.... वरिष्ठजन दिवस पर रामलला दर्शन के अनुभव बांटे बुजुर्गों ने

रायपुर। महाराष्ट्र मंडल में मंगलवार की शाम वरिष्ठजन दिवस का भव्य आयोजन कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा। हाल ही में प्रयागराज- अयोध्या- काशी से लौटे वरिष्ठजनों ने रामलला दर्शन के अनुभव साझा किए। इस मौके पर उपस्थित सभी वरिष्ठजनों का आत्मीय अभिनंदन किया गया। साथ ही उन्हें योग के माध्यम से सेहतमंद रहने टिप्स भी दिए गए। वहीं धर्म- आध्यात्म से जुड़े प्रश्नोतरी ने कार्यक्रम को रोचक बनाया। समस्त बुजुर्गों को स्वच्छता की शपथ दिलाई गई। अंत में आध्यात्मिक समिति के प्रभारी शशिकांत देशमुख के निधन पर उन्हें आदरांजलि अर्पित की गई। 
 
 
आध्यात्मिक समिति की आकांक्षा गद्रे ने बताया कि हाल ही में अयोध्या दर्शन कर लौटे 33 वरिष्ठजनों की टीम में से कई लोगों ने अपने अनुभव साझा किए। श्रद्धा मरघड़े ने अयोध्या राम मंदिर में रामलला प्रतिमा की विशेषताओं, उनके स्नान- ध्यान, परिधान, खान-पान, दर्शन देने और विश्राम के समय तक की विस्तृत व महत्वपूर्ण जानकारी दी। प्रमोदिनी देशमुख ने बताया कि अयोध्या के राम मंदिर में हर आयु वर्ग के लोगों के लिए अभूतपूर्व व्यवस्था है। सामान, जूते- चप्पल, मोबाइल को रखने की आसान व्यवस्था है। कहीं भी धक्का- मुक्की और दौड़- भाग वाली स्थिति नहीं है। साक्षात रामलला के सामने जाने पर भी आराम से दर्शन करने का समय दिया जाता है। कुल मिलाकर वहां जाकर मन और आत्मा तृप्त होती है और बहुत हल्का महसूस होता है। किशोर तारे ने कहा कि काफी इच्छा के बावजूद वे अभी तक अयोध्या नहीं जा पाए हैं, लेकिन अपने पास- पड़ोसियों से रामलला की तेजस्वी प्रतिमा और दर्शन की महिमा सुनकर वे रोज सुबह पांच बजे दूरदर्शन पर रामलला दर्शन और आरती का लाभ लेते हैं।
 
 
श्याम सुंदर खंगन ने बताया कि राम  मंदिर के स्वागत कक्ष में ही आधार कार्ड दिखाकर व्हीलचेयर की सुविधा प्राप्त की जा सकती है। इसके लिए बुजुर्ग के साथ उनके एक सहयोगी को  भी रामलला के आसान दर्शन की अनुमति मिलती है। महज 15 मिनट में आप बिना किसी थकान के प्रभु राम के दर्शन कर मंदिर से बाहर आ जाते हैं। दीपक पात्रीकर और शरद डांगे ने भी अयोध्या दर्शन को लेकर अपने अनुभव सुनाएं। इस मौक पर सचिव चेतन गोविंद दंडवते, दिव्यांग बालिका विकास गृह के प्रभारी प्रसन्न निमोणकर ने परिवार, जीवन और समाज में बुजुर्ग नागरिक की अनिवार्यता व महत्व पर चर्चा की। 
 
आस्था- अभय की प्रशंसा
वरिष्ठ नागरिक मंच 'सहयोग' की ओर से बीते दिनों 33 तीर्थयात्रियों की प्रयागराज- अयोध्या- बनारस यात्रा में सबसे छोटी उम्र की आस्था ने अपने पति अभय काले के साथ न केवल अपने माता-पिता, बल्कि यात्रा में शामिल हर एक तीर्थयात्री का भरपूर ख्याल रखा। उनकी छोटी- मोटी जरूरतों को तत्काल पूरा करने का प्रयास किया। कार्यक्रम में सभी बुजुर्गों ने आस्था- अभय काले के प्रति आभार व्यक्त किया।