दिव्य महाराष्ट्र मंडल

कोटा केंद्र की महिलाओं ने जोगवा, गोंधल के साथ की देवी स्तुति

रायपुर। महाराष्ट्र मंडल के कोटा महिला केंद्र की महिलाओं ने नवरात्रि के उपलक्ष्य में डा.वर्षा अजित  वरवंडकर के ऑफिस माय अगला कदम में मां अम्बा बाई के मनमोहक भजन गया।  इस दौरान सभी ने बड़े ही पारंपरिक तरीके से जोगवा, गोंधल  के साथ देवी की स्तुति की।

डा. वर्षा वरवंडकर ने बताया कि जोगवा देवी की उपासना से जुड़ी एक अवधारणा है। जोगवा मांगना यानी भीख मांगना या कृपा प्रसाद मांगना। देवी, जैसे अंबा, भवानी, रेणुका आदि शक्तिदेवियों के सामने आंचल फैलाकर कृपा प्रसाद मांगा जाता है। जोगते और जोगतिणी इस प्रथा के लोकसंस्कृति के उपासक माने जाते हैं।

उन्होंने बताया कि इसके साथ गोंधळ भी किया गया। गोंधल की उत्पत्ति गोंधरने शब्द से हुई है। जिसका अर्थ है शोर मचाना, गोंधल का उद्देश्य ईश्वर को धरती पर उतरने देना और मानव आत्मा को धोना, उसे सभी भ्रष्टाचार और बुराइयों से शुद्ध करना है। इस तरह विभिन्न भजनों के माध्यम से कुलस्वामिनी अम्बा बाई की प्रार्थना की गई।  इस दौरान कोटा केंद्र की तरफ से माधुरी इंगोले, मोहिनी भिडे, आरती दिवाटे, कुसुम मललेवार, सुदक्षणा शिंदे, वैशाली पुरोहित, दीप्ति पंचभाई, वंदना कालमेघ, नेहा साठे  और वैशाली खांडेकर उपस्थित थीं।