आज नई शुरुआत और खरीदारी के लिए अबूझ मुहूर्त है। यानी पूरे दिन धर्म-कर्म से लेकर सभी खास काम कर सकते हैं। पंडितों का मानना है कि अक्षय तृतीया शुभारंभ का पर्व है। इस दिन किया गया दान, पूजन, हवन सहित सभी पुण्य कार्य अक्षय फल देते हैं।
मांगलिक या शुभ काम करने के लिए ये तिथि ही सबसे अच्छी मानी जाती है, क्योंकि ज्योतिष ग्रंथों में इसे स्वयं सिद्ध मुहूर्त का दर्जा मिला है। यानी बिना पंचांग देखे इस दिन कोई भी काम कर सकते हैं। उसमें सफल होना तय माना जाता है। इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद और दान करने से मिलने वाला पुण्य कभी खत्म नहीं होता।
सितारे भी इस पर्व को बेहद खास बना रहे हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि इस बार सूर्य, चंद्रमा उच्च राशि में और शुक्र, शनि अपनी ही राशि में रहेंगे। वहीं, मेष राशि में चतुर्ग्रही योग बन रहा है। साथ ही केदार, पर्वत, शंख, महादान, सुमुख, आयुष्मान और ध्वज नाम के सात शुभ योग भी बनेंगे। जिससे इस दिन किए कामों से सुख और समृद्धि बढ़ेगी। ऐसा संयोग पिछले 900 सालों में नहीं बना।
अक्षय होता है स्वर्ण
सोना अक्षय माना जाता है। ये कभी नष्ट नहीं होता। इसलिए इस दिन सोने की खरीदी की जाती है। वेदों में सोने को दैवीय और सबसे पवित्र धातु कहा गया है। पुराणों का कहना है कि इस दिन सोना खरीदने से सुख-समृद्धि बढ़ती है और परिवार में खुशहाली रहती है। मान्यता है कि जो लोग सोना नहीं खरीद सकते, वो किसी भी धातु से बनी भगवान की मूर्ति खरीद सकते हैं।
सालभर सोने में रह सकती है तेजी
इस साल अक्षय तृतीया पर गुरु का राशि परिवर्तन होगा। इस ग्रह की धातु सोना है। इस कारण ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि पूरे साल सोने के दाम बढ़े रहने की संभावना है। सोने के अलावा अक्षय तृतीया पर कीमती धातुओं, ज्वेलरी, मशीनरी और भूमि-भवन की खरीदारी खासतौर से की जाती है। इनके अलावा कपड़े, बर्तन, फर्नीचर भी खरीद सकते हैं। इस पर्व पर रियल एस्टेट में निवेश करने की भी परंपरा है। साथ ही नौकरी और बिजनेस का खास एग्रीमेंट भी इस दिन करना फायदेमंद होता है।