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अक्षय तृतीया पर नहीं कर पाए स्वर्ण दान... तो कर दें इस चीज का दान... नहीं होगी धन—धान्य की कमी

डेस्क। अक्षय तृतीया को ज्योतिष शास्त्र ही नहीं, बल्कि ग्रंथों में भी विशेष माना गया है। जिसके मुताबिक इस दिन स्वयं के लिए खरीदी तो लाभप्रद होता ही है, पर इस दिन दान का विशेष महत्व है। अक्षय तृतीया पर स्वर्ण खरीदी और स्वर्ण दान को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है। ऐसी मान्यता है कि स्वर्ण स्वयं अक्षय है, इसलिए सर्वाधिक पुण्यलाभ भी स्वर्णदान से ही मिलता है। किंतु यह हर किसी के लिए, खासतौर पर आज के समय में प्रासंगिक नहीं रह गया है, ऐसे में इसके विकल्प भी हैं, जिसे शास्त्र सम्मत बताया गया है। 

पहले विकल्प के तौर पर चांदी यानी रजत है। माता लक्ष्मी का स्वरूप स्वर्ण की तरह चमकदार तो रजत के समान गौरवर्णीय यानी श्वेत है। ऐसे में अक्षय तृतीया पर चांदी की खरीदी और उसका दान दोनों ही स्वर्ण समान ही पुण्य फलकारी हैं। 

अक्षय तृतीया पर जौ का भी विशेष महत्व है। शास्त्रों के मुताबिक इस दिन जौ खरीदकर घर लाने के साथ ही उसका दान भी करना चाहिए। बताया गया है कि इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और जौ खरीदकर लाने और उसका दान करने वालों को माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

तीसरा विकल्प जो हर वर्ग के लिए बेहद ही आसान है, वह है मिट्टी का कलश या फिर घड़ा। शास्त्रमत है कि अक्षय तृतीया के दिन विशेष पर स्वर्ण के स्थान पर मिट्टी का कलश या घड़ा अवश्य खरीदना चाहिए। इसके साथ ही इसका दान भी किया जाना चाहिए। इससे माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रसन्नता होती है और धन—धान्य, सुख—समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।