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जल जीवन मिशन : 15 करोड़ ग्रामीण परिवारों के लिए नल से जल

जल जीवन मिशन के अंतर्गत 78.58% ग्रामीण घरों तक नल से जल

डेस्क | जल जीवन मिशन (जेजेएम) का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 15 अगस्त, 2019 को किया गया था। इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में नल से जल की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है। जल जीवन मिशन की शुरुआत के समय केवल 3.23 करोड़ (17%) ग्रामीण परिवारों के पास नल से जल का कनेक्शन था।

इस मिशन का प्रमुख लक्ष्य साल 2024 तक लगभग 16 करोड़ अतिरिक्त घरों को नल का जल उपलब्ध कराकर इस अंतर को पाटना है। इसके अलावा मिशन में मौजूदा जल आपूर्ति प्रणालियों की कार्यक्षमता सुनिश्चित करना और 19 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को इस योजना के तहत सीधे लाभ पहुंचाना भी शामिल है। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण-शहरी अंतर को कम करना तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है।

जल जीवन मिशन का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों की माताओं एवं बहनों को अपने घर के लिए पानी लाने की सदियों पुरानी मेहनत वाली प्रथा से मुक्ति दिलाना । उनके स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है।

यह मिशन ‘जीवन को आसान’ बना रहा है और ग्रामीण परिवारों के लिए गौरव एवं सम्मान बढ़ा रहा है। जल जीवन मिशन अनिवार्य तत्वों के रूप में पानी के स्रोत स्थिरता उपायों को भी लागू करता है, जैसे कि घरों या कार्यालयों में गैर-शौचालय स्रोतों से निकले अपशिष्ट जल का प्रबंधन, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के माध्यम से पुनर्भरण एवं जल का पुन: उपयोग आदि।

जल जीवन मिशन के अंतर्गत 6 अक्टूबर, 2024 तक, 11.95 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण परिवारों को सफलतापूर्वक नल से जल के कनेक्शन प्रदान किए हैं, जिससे इस सुविधा से लाभांवित परिवारों की कुल संख्या 15.19 करोड़ से अधिक पहुंच गई है, जो भारत के सभी ग्रामीण परिवारों का 78.58% है।

इस मिशन ने सफलता के रूप में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। ग्रामीण लोगों को उनके घरों में ही स्वच्छ पेयजल  प्रदान करके उनके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला जा रहा है।

पानी की गुणवत्ता प्रभावित हिस्सों, सूखाग्रस्त इलाकों, रेगिस्तानी क्षेत्रों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) वाले गांवों में घरेलू नल से जल का कनेक्शन के प्रावधान को प्राथमिकता देना। 

एफएचटीसी को प्रति व्यक्ति हर दिन 55 लीटर जल (एलपीसीडी) की न्यूनतम सेवा स्तर पर उपलब्ध कराने के लिए चल रही व पूर्ण हो चुकी योजनाओं की पुरानी परिस्थिति में भी नई सुविधाओं की व्यवस्था करना।

फ्लेक्सी फंड पर वित्त मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, प्राकृतिक आपदाओं या विपत्तियों के कारण अप्रत्याशित चुनौतियों का समाधान करना।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि आईआईएम के लक्ष्यों को प्राप्त करने से प्रतिदिन 5.5 करोड़  घंटे से अधिक की बचत होगी, मुख्य रूप से महिलाओं के लिए  लिए, जो अन्यथा पानी इकट्ठा करने में खर्च होता है

विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह भी अनुमान है कि भारत में सभी घरों के लिए सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल सुनिश्चित करने से डायरिया रोग की वजह से होने वाली लगभग 400,000 मौतों को रोका जा सकता है । इससे लगभग 14 मिलियन दिव्यांगता समायोजित जीवन वर्ष (डीएएलवाई) की बचत हो सकती है।

नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर माइकल क्रेमर के शोध से पता चलता है कि सुरक्षित जल कवरेज होने के कारण पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में लगभग 30% की कमी आ सकती है, जिससे संभावित रूप से प्रतिवर्ष 136,000 लोगों की जान बच सकती है।

भारतीय प्रबंधन संस्थान, बैंगलोर ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के साथ साझेदारी में अनुमान लगाया है कि जल जीवन मिशन अपने पूंजीगत व्यय चरण के दौरान 59.9 लाख व्यक्ति-वर्ष प्रत्यक्ष रोजगार और 2.2 करोड़ व्यक्ति-वर्ष अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न करेगा। इसके अलावा, परिचालन एवं रखरखाव चरण से 13.3 लाख व्यक्ति-वर्ष का प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं।