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सिंगल यूज़ प्लास्टिक का स्मार्ट विकल्प एटीएम थैला, जानिए कहा लगी मशीन

नईदिल्ली। प्लास्टिक बैन को लेकर सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है और साथ ही उनके दूसरे विकल्प भी सुझा रही है। इन्हीं प्रयासों को सफल बनाने के लिए कई नियम बनाए गए और उन्हें सख़्ती से लागू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र के अनोखे प्रयास भी सुर्खियां बटोर रहे हैं जिसमें से प्रमुख है- थैला एटीएम।
 
महाराष्ट्र ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में अपनी भागीदारी दर्ज करा ली है। इसी दिशा में मजबूत कदम उठाते हुए महाराष्ट्र के विटा नगर परिषद् ने दुकानदारों और खरीदारों को इको-फ्रैंडली थैले मुहैया कराने के लिए भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर पांच जगह ‘थैला एटीएम’ लगाए।
 
थैला एटीएम का प्रयोग बिल्कुल एक बैंक एटीएम की तरह ही है। इसमें उपयोगकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार सिक्का या नोट डालते हैं और वेंडिंग मशीन से आसानी से थैला मिल जाता है। इसमें उपलब्ध थैले, कॉटन यानि सूती कपड़े से बने हुए हैं जो कि री-यूज़ किये जा सकते हैं। 
 
 
इस परियोजना का उद्देश्य पर्यावरण को स्वच्छ और स्थिर बनाना है। उपयोगकर्ता को वॉइस ओवर के ज़रिए मशीन को प्रयोग करने के लिए निर्देश भी मिलते हैं। यह मशीन जीएसएम  टेक्नॉलजी पर आधारित है। इस टेक्नॉलजी के माध्यम से परिषद्, मशीन में उपलब्ध और कुल निकाले गए थैलों की निगरानी करता है। जैसे ही मशीन में थैलों की संख्या तय की गई लिमिट से कम होती है तुरंत एक अलर्ट मैसेज परिषद् को पहुंच जाता है और वे उसे रीफिल कर देते हैं।
 
थैला एटीएम से विटा के सेल्फ हैल्प ग्रुप्स को रोज़गार के अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं और आमदनी का भी ज़रिया बन गया है। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं थैला, एटीएम वेंडिंग मशीन के लिए कपड़े के थैले सिल कर स्वयं को आत्मनिर्भर बना अपना जीवन स्वाभिमान के साथ जीना सीख रही हैं।
 
महाराष्ट्र प्लास्टिक को पूर्णतः प्रतिबंधित करने वाला देश का 18वां राज्य बन चुका है। बाजार में परिषद् द्वारा औचक निरीक्षण के लिए अधिकारियों की तैनाती कर प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल करने वाले व्यापारियों, दुकानदारों व खरीददारों पर जुर्माना लगाया जा रहा है जिसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। 
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