पालपुर-कूनो नेशनल पार्क में 2 चीते और 3 शावकों को बाड़े से मुक्त
भोपाल। एशिया महाद्वीप से विलुप्त हो चुके चीते आज मध्यप्रदेश की पावन धरा पर रफ्तार भर रहे हैं और अपना कुनबा भी बढ़ा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पालपुर-कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता आशा, धीरा और आशा के 3 शावकों को बाड़े से खुले जंगल में स्वछंद विचरण के लिए मुक्त किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चीतों की पुनर्स्थापना से कूनो की पर्यटन के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पहले 2 चीते खुले जंगल में छोड़े थे, जिससे वन्य जीवन में चीतों की पुन: बसाहट हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज 5 चीतों को जंगल में छोड़ने का अवसर मिला है। मैं प्रदेशवासियों को इसकी बधाई देता हूँ।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कूनो अभयारण्य में ईको-टूरिज्म की पहल को प्रोत्साहित किया। इससे न केवल संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिये रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि चीतों की पुनर्स्थापना के लिये भविष्य में कूनो राष्ट्रीय उद्यान को एक आदर्श वन्य-जीव अभयारण्य बनाने के लिये आवश्यकतानुसार प्रबंध किए जाएंगे।
कूनो नेशनल पार्क से अभी तक 7 चीतों को जंगल में स्वछंद विचरण के लिये छोड़ा गया है। कूनो में वीरा के नये 2 शावकों को मिलाकर कुल 26 चीते हो गये हैं। इन चीतों की मॉनीटरिंग के लिये 2 दल गठित किये गये हैं, जो छोड़े गये शावकों की निगरानी और सुरक्षा करेंगे।
कूनो नेशनल पार्क में चीता रिलीज कार्यक्रम के दौरान कमिश्नर ग्वालियर-चंबल मनोज खत्री, आईजी चंबल सुशांत सक्सेना, कलेक्टर श्योपुर अर्पित वर्मा, सीसीएफ उत्तम शर्मा और डीएफओ कूनो आर. थिरुकुराल सहित प्रशासनिक एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।