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'आदि महोत्सव' के आगाज पर बोले पीएम मोदी... आदिवासियों की जीवनशैली से सीखा मैंने बहुत कुछ...

दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में 'आदि महोत्सव' का उद्घाटन किया। इस मौके पर जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा उनके साथ रहे। पीएम मोदी ने यहां स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की प्रतिमा को नमन किया। इस कार्यक्रम में जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला को प्रदर्शित किया जा रहा है। जनजातीय समुदायों की ओर से उपजाए जाने वाले श्री अन्न, इस कार्यक्रम का केंद्र बिंदु रहेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपना संबोधन भी दिया। अपने संबोधन में  पीएम मोदी ने आदिवासी समाज के विरासत से लेकर विकास पर चर्चा की।
 

 
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 'आदि  महोत्सव' विकास और विरासत के विचार को और अधिक जीवंत बना रहा है। जो पहले खुद को दूर-सुदूर समझता था अब सरकार उसके द्वार जा रही है, उसको मुख्यधारा में ला रही है। आदिवासी समाज का हित मेरे लिए व्यक्तिगत रिश्तों और भावनाओं का विषय है।
 

 
पीएम मोदी ने कहा कि मैंने देश के कोने कोने में आदिवासी समाज और परिवार के साथ काफी वक्त व्यतीत किया है। मैंने आदिवासी परंपराओं को करीब से देखा भी है, उनसे सीखा भी है और उन्हें संजोया भी है। आदिवासियों की जीवनशैली ने मुझे देश की विरासत और परंपराओं के बारे में बहुत कुछ सिखाया है। 
 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज वैश्विक मंचों से भारत आदिवासी परंपरा को अपनी विरासत और गौरव के रूप में प्रस्तुत करता है। आज भारत विश्व को बताता है कि अगर आपको जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों का समाधान चाहिए तो हमारे आदिवासियों की जीवन परंपरा देख लीजिए... आपको रास्ता मिल जाएगा।''
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