महाराष्ट्र मंडल में गुढी पाडवा और हिन्दू नववर्ष पर... संक्षिप्त सभा का आयोजन... संस्कृति और परंपरा के मूल्यों पर रखे गए विचार
2023-03-22 03:50 PM
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रायपुर। महाराष्ट्र मंडल में गुढी पाडवा, हिंदू नव वर्ष के अवसर पर आयोजित संक्षिप्त सभा में सचिव आचार्य चेतन दंडवते ने कहा कि प्रतिदिन घर से टीका लगाकर निकलिए और अपने आत्मविश्वास को बढ़ाइए। मैं अपने अनुभव से कह सकता हूं कि माथे पर टीका लगाने के बाद कोई काम नहीं रुकते और किसी भी काम को लेकर आपका आत्मविश्वास काफी बढ़ा हुआ होता है।
आचार्य दंडवते ने कहा कि प्रतिदिन शाम को घर में अपने आराध्य भगवान के सामने दीया जलाएं और कोई न कोई मंत्रोच्चार अवश्य करें। बच्चों में यह संस्कार डालना बहुत जरूरी है। बच्चे तो छोड़िए, यहां उपस्थित आधे से ज्यादा बड़ों को भी हिंदी कैलेंडर के महीने याद नहीं होंगे। यह ठीक नहीं है। उन्होंने हिंदी महीने और उनका हमारी संस्कृति में महत्व की सविस्तार जानकारी दी।
मराठा समाज के अध्यक्ष गुणवंत राव घाटगे ने कहा कि हमारे बच्चे हिंदू संस्कारों, त्योहारों और परंपराओं से दूर होते जा रहे हैं और यह स्थिति अच्छी नहीं है। हमें अभी से सावधान होने और बच्चों को सांस्कारिक करने की जरूरत है। बच्चे हमारे तीज- त्योहारों, संस्कृति, परंपराओं को समझेंगे तो ही हमारा धर्म पीढ़ियों तक सुरक्षित रहेगा और हमारी पहचान बनी रहेगी।
मराठा युवा समाज के अध्यक्ष लोकेश पवार ने कहा कि हमारे बैनर भले ही अलग-अलग हों, लेकिन हम सबके दैवत एक ही हैं छत्रपति शिवाजी महाराज। इसीलिए जब भी मराठी भाषी किसी भी समाज का कोई भी आयोजन होता है, तो हम सबको मिलकर उसे विशाल और सफल बनाना चाहिए। यह एक प्रकार से हमारे शक्ति प्रदर्शन का माध्यम है, उन्होंने कहा कि बचपन से ही हम हिंदी भाषी क्षेत्रों में रहे हैं, पढ़े- लिखे हैं इसीलिए हमें मराठी नहीं आती। फिर भी हम मराठी सीखने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।
महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष अजय काळे ने हिंदू नव वर्ष, गुढी पाड़वा की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि हमें न केवल आज दिनभर, बल्कि अगले दो-तीन दिनों तक अपने संपर्क में आने वाले समस्त मित्रों और परिचितों को हिंदू नव वर्ष की शुभकामनाएं बिल्कुल वैसे ही देनी चाहिए जैसे कि हम 1 जनवरी को नए साल की देते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया अगला गुढी पड़वा पर्व हम सब महाराष्ट्र मंडल के वातानुकूलित हॉल में अधिक धूमधाम से मनाएंगे।
कार्यक्रम के अंत में बृहन्महाराष्ट्र मंडल के छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी सुबोध टोले ने आभार व्यक्त किया। इस मौके पर उन्होंने धुमाल और लेझिम सीखने वाली प्रत्येक महिलाओं के नामों का विशेष उल्लेख करते हुए उनका अभिनंदन किया।