रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सल वारदात और हमलों की लंबी फेहरिस्त है, जिनमें से एक 'झीरम घाटी' हमला भी शामिल है। 25 मई, 2013 को नक्सलियों ने इस हमले को अंजाम दिया था, जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेताओं, जिसमें बस्तर टाइगर महेन्द्र कर्मा, तात्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल सहित अन्य लोग शामिल थे। माओवादियों ने इन सभी को गोलियों से छलनी कर दिया था और इन सभी की मौत का जश्न मनाया था।
छत्तीसगढ़ में ताड़मेटला कांड, मोहला—मानपुर कांड और झीरम घाटी कांड आज भी छत्तीसगढ़ के लोगों के जेहन से मिट नहीं पाया है। इनमें झीरम घाटी कांड इसलिए ज्यादा चर्चित है, क्योंकि छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि देश के इतिहास में यह ऐसी घटना थी, जिसमें एक साथ एक ही राजनीतिक दल के बड़े नेताओं की माओवादियों ने नृशंस हत्या कर दी थी।
राज्य सरकार ने अब झीरम घाटी हादसे की 10 बरसी से इस दिन को हर साल 'झीरम श्रद्धांजलि दिवस' के तौर पर मनाए जाने का फैसला लिया है। इस संबंध में आज आदेश भी जारी कर दिया गया है। यह आदेश प्रदेश के सभी विभागीय प्रमुखों को प्रेषित कर दिया गया है।