रायपुर की सड़कों पर चलना किसी खतरनाक स्टंट से कम नहीं हैं। हर 100 मीटर की दूरी के बाद यहां गड्ढे नजर आ रहे हैं। ये शहर की सड़कों की हालत बयां करने के लिए काफी है। रायपुर के ब्राम्हण पारा से सदर बाजार, कोतवाली से राजीव गांधी चौक तक राहगीरों का चलना मुश्किल है। यहां अमृत मिशन के लिए खोदी गई सड़कों को ठीक से नहीं भरा गया है।
सड़कें अपनी हालत सुधरने के इंतजार में हैं। इन सबके बीच शहर में खतरनाक गड्ढों और सड़कों पर फैली गिट्टियों की वजह से रोजाना हादसे हो रहे हैं। बड़ी आबादी को यहां परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे खराब हालत बूढ़ातालाब के आसपास सड़कों की है, यहां पहले खुदाई और फिर सड़कों में फैली गिट्टियों की वजह से सड़क पर राहगीरों का चलना मुश्किल हो रहा है। रोजाना यहां गाड़ियां फंस रही है।
हर दिन गुजरने वाले राहगीरों का कहना है कि राजधानी की सड़कों पर गड्ढों ने परेशान कर रखा है। यहां बूढ़ातालाब के आसपास चल रहे निर्माण कार्यों की वजह से सड़क पर गिट्टियां फैली हुई है, जिसकी वजह से हादसों का डर है।
इसी सड़क से जरूरी काम के लिए जा रही महिला ने बताया कि इससे पहले सड़कों की ऐसी दुर्दशा कभी नहीं देखी। पूरे शहर भर में सड़कों का यही हाल है और जब बूढ़ातालाब से गुजरना हो तब डर बना रहता है कि कोई हादसा उनके साथ ना हो जाए। यहां दुकान चलाने वाले राघवेन्द्र साहू ने बताया कि रोजाना इस सड़क पर हादसे हो रहे हैं। नगर निगम का भी ध्यान इस ओर नहीं है। काम की गति इतनी सुस्त है कि बीते कई महीनों से लोग परेशान है। आसपास के लोगों को धूल ने अलग परेशान कर रखा है।
महापौर एजाज ढेबर खुद इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि शहर भर में अमृत मिशन और कई जगहों पर अंडर ग्राउंड केबलिंग का काम चल रहा है। इसलिए गड्ढे किए गए हैं। उनकी दलील है कि अमृत मिशन का काम होने पर पूरे शहर को पानी मिल पाएगा और अंडर ग्राउंड केबल का काम पूरा होने पर सड़कों की मरम्मत होगी।