रायपुर

इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला... हाईकोर्ट ने दोबारा जांच की दी अनुमति... बोले सीएम बघेल, दोषियों को मिलनी चाहिए सजा

रायपुर। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक घोटाले का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। बिलासपुर उच्च न्यायलय ने बैंक घोटाले की दोबारा जांच के आदेश दे दिए हैं। आदेश के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट किया कि जनता की गाढ़ी कमाई के घोटाले की जांच की अनुमति न्यायालय से मिल चुकी है।

नार्कों टेस्ट में घोटाले के प्रमुख अभियुक्तों में से एक उमेश सिन्हा ने बताया था कि उसने कई नेताओं को करोड़ों रुपये दिए थे। बैंक संचालकों सहित कई अन्य लोगों को भी पैसे दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार उजागर होना चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए। कांग्रेस ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि छत्तीसगढ़ में सरकार बनती है, तो इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले की जांच कराएंगे।

छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए इस पर फिर से जांच की अनुमति मांगी थी। घोटाला उजागर होने के बाद बैंक ने अपने आप को डिफाल्टर घोषित कर दिया था। साथ ही इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से कुछ खातेदारों की राशि लौटाई थी, लेकिन काफी संख्या में खातेदारों को आज भी राशि नहीं मिल सकी है।