स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट नवजात शिशुओं के लिए बना संजीवनी
रायपुर। कुछ बरस पहले बीजापुर में नवजात शिशुओं के इलाज के लिए न तो स्पेशलिस्ट डॉक्टर मिलते थे और न ही स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट जैसी बेहतर सुविधा यहां मौजूद थी। लेकिन यह अब बीते दिनों की बात हो गई है और जिला अस्पताल के मदर-चाइल्ड अस्पताल ष्उत्सवष् में संचालित स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट हज़ारों बच्चों के लिए संजीवनी बन गया है। आज विशेषज्ञ डॉक्टरों के हाथों नौनिहालों की किलकारी सुरक्षित हुई है। यूनिट में जरूरी उपकरण और सभी सुविधाएं मौजूद है, जो इस सुदूर आदिवासी अंचल के लिए वरदान साबित हो रहा है।
विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू), जहां जन्म से लेकर 28 दिन तक के बीमार नवजात शिशुओं की विशेष देखभाल की जाती है। डॉ. मस्के ने बताया कि जिला अस्पताल के एसएनसीयू में वार्मर, सी पैप मशीन, वेंटिलेटर, फोटोथेरेपी मशीन उपलब्ध है। इन सुविधाओं से हम बेहतर इलाज दे पाने में सक्षम हुए है। इसके साथ ही डॉ. नेहा के रूप में एक नया शिशु रोग विशेषज्ञ जिला अस्पताल को मिला है।
छत्तीसगढ़ के सुदूर अंतिम छोर के जिले बीजापुर में एक दौर था जब स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी नहीं मिलते थे और बेहतर स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं का अभाव था। इलाज के लिए अंचल के लोगों को जगदलपुर से लेकर बड़े शहरों तक जाना पड़ता था। लेकिन आज बीजापुर में स्वास्थ्य सुविधाओं की तस्वीर बदल गई है। तमाम चुनौतियों के बीच शासन की मंशा और बीजापुर के लोगों की जीवटता से अब सुदूर इलाकों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही है। जिला अस्पताल में अत्याधुनिक स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं की उपलब्धता और विशेषज्ञ चिकित्सक मिलने से बीमारियों का जांच और इलाज सुलभ हुआ है। उत्सव (मदर-चाइल्ड हॉस्पिटल) में नौनिहालों की किलकारियां गूंज रही है। वहीं अन्य बीमारियों के मरीज भी अपनी तकलीफ से निजात पा रहे है।