रायपुर

'धान के कटोरा' को 'धन का कटोरा' बनाया... क्या है सीएम बघेल के इस बयान की वजह... पढ़िए

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 15 सालों तक विपक्ष में भूमिका का निर्वहन करने के बाद साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली। इस जीत के पीछे वजह भाजपा सरकार के खिलाफ बना हुआ माहौल तो था ही, इसके अलावा कांग्रेस ने सरकार में आने के बाद के लिए अपना जो घोषणा पत्र बनाया था, उसने अपना प्रभाव दिखाया।

दो मत नहीं कि कांग्रेस की सरकार बनी, और मुख्यमंत्री के तौर पर भूपेश बघेल ने शपथ लिया, जिसके तत्काल बाद प्रदेश के किसानों के सिर पर चढ़े कर्ज को माफ किए जाने की घोषणा कर दी। इससे 16 लाख से ज्यादा किसानों को फायदा मिला। इसके बाद सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपए प्रति क्विंटल करने की घोषणा को मूर्त रूप दिया, जिससे किसानों को दूसरा बड़ा फायदा हुआ। 

भूपेश सरकार ने प्रदेश में नरवा—गरवा—घुरुवा—बारी योजना को लागू किया, जिसका फायदा सभी वर्ग को मिल रहा है। इसके बाद सरकार ने गांव से शहर तक के लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए योजनाओं पर अमल करना शुरु किया। 

गोधन न्याय योजना, राजीव मितान योजना, किसान न्याय योजना और भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना उन योजनाओं में से है, जिसके जरिए लोगों को काम भी मिल रहा है, तो आर्थिक लाभ भी मिलने लगा है। वहीं गरीब बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देते हुए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की श्रृंखला ने भी लोगों की जेब का ख्याल रखा है। 

पहले तक छत्तीसगढ़ 'धान का कटोरा' मात्र था, लेकिन अब 'धन का कटोरा' कहने के पीछे सरकार का मंतव्य यही है कि प्रदेश में जिनके पास खेती के अलावा दूसरा काम नहीं हुआ करता था, अब गोधन न्याय योजना, किसान न्याय योजना के जरिए अतिरिक्त लाभार्जन कर पा रहे हैं।