छत्तीसगढ़

गरियाबंद में इंसाफ़ के लिए भूख हड़ताल का सहारा, पहले मुरहा, फिर अहमद बेग और अब 70 साल की ओम बाई लगा रही न्याय की गुहार

गरियाबंद। जिले में न्याय की उम्मीद में भूख हड़ताल का सिलसिला लगातार जारी है। पहले देवभोग के मुरहा राम, फिर मैनपुर के अहमद बेग और अब छुरा की 70 वर्षीय वृद्ध महिला ओम बाई बघेल अपने पूरे परिवार के साथ न्याय की गुहार लगाते हुए भूख हड़ताल पर बैठ गई हैं।

ओम बाई का आरोप है कि उनके पूर्वजों की पुश्तैनी जमीन, जिस पर एक पारंपरिक मठ भी बना हुआ था, उसे जबरन कब्जा कर लिया गया। उन्होंने बताया कि 2012-13 में इस मामले में एक बार न्याय मिला था, लेकिन मामला दोबारा खोल दिया गया और इस बार सुनवाई पूरी होने से पहले ही जबरन निर्माण ढहा दिया गया और जमीन पर कब्जा कर लिया गया।

इस कार्रवाई के खिलाफ उन्होंने छुरा के अनुविभागीय अधिकारी से शिकायत की, लेकिन मामला खारिज कर दिया गया। न्याय न मिलने से आहत ओम बाई और उनका परिवार अब बीते दो दिनों से छुरा बस स्टैंड के सामने भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

इससे पहले देवभोग के मुरहा और मैनपुर के अहमद बेग ने भी इसी तरह न्याय की गुहार में भूख हड़ताल का रास्ता अपनाया था। लगातार सामने आ रहे इन मामलों से यह स्पष्ट हो रहा है कि ज़मीन विवादों में न्याय प्रक्रिया या तो बेहद धीमी है या फिर प्रभावितों को सुनवाई का समुचित अवसर नहीं मिल रहा।