छत्तीसगढ़

कलेक्टर ने अपने अपहरणकर्ता को पहचानने से किया इंकार, आरोपी को स्पेशल कोर्ट ने किया दोषमुक्त

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके से बड़ी खबर सामने आई। 11 साल पहले सुकमा जिले के कलेक्टर रहे आईएएस एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण और दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या के मामले के मुख्य आरोपी को एनआईए स्पेशल कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है। आईएएस एलेक्स पाल मेनन ने केस के ट्रायल के दौरान आरोपी को पहचानने से इंकार कर दिया था।

नक्सलियों ने सुकमा के तत्कालीन कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन का 21 अप्रैल 2012 को अपहरण किया था। अपहरण की घटना से पूरे देश में हड़कंप मच गया था। छत्तीसगढ़ में किसी आईएएस अफसर के अपहरण की यह पहली घटना थी। जिस समय मेनन का अपहरण हुआ था, तब वे कलेक्टर जनदर्शन में गए थे। गांव से ही कलेक्टर का अपहरण कर नक्सलियों ने उनके दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या भी कर दी थी।

मामले में हेमला भीमा उर्फ आकाश को मुख्य आरोपी बनाया गया था। सुनवाई के दौरान जब आईएएस मेनन की गवाही हुई थी, तब वे आरोपी की पहचान नहीं कर पाए थे। इस तरह परिस्थितिजन्य साक्ष्य के अभाव में हेमला भीमा को एनआईए के स्पेशल जज दीपक कुमार देशलहरे ने दोषमुक्त कर दिया. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता बिचेम पोंदी और उनके सहयोगी पी. भीमा ने पैरवी की थी.

आईएएस मेनन इस साल फरवरी महीने में गवाही देने के लिए आए थे। मेनन ने कहा कि 11 साल पुरानी घटना है, इसलिए उन्हें कुछ भी याद नहीं है। उनके अपहरण में कौन नक्सली शामिल थे और कौन नहीं, यह बता पाना मुश्किल है। बता दें कि सुकमा पुलिस ने 2016 में भीमा हेमला उर्फ आकाश को गिरफ्तार किया था।