भिलाई। छत्तीसगढ़ के भिलाई के हॉस्पिटल सेक्टर—9 के पास की झोपड़ियों में बीती रात लगी आग ने ऐसा कहर ढाया है कि एक साथ 25 परिवारों के आंखों से गिरते आंसू थम नहीं पा रहे हैं। सूचना पर भले ही पुलिस और दमकल की चार गाड़ियां खड़ी हो गईं, पर ना तो किसी का आशियाना बचाया जा सका और ना ही उनकी जरुरतों के सामान को सुरक्षित निकाला जा सका।
आधी रात जब लोग अपनी झोपड़ियों में गहरी नींद में थे। जाने कहां से चिंगारी फूटी और देखते ही देखते भीषण आग की लपटों में तब्दील हो गई। आलम यह था कि उन घरों के भीतर रखे सिलेंडर एक के बाद एक कर फटने लगे। चार सिलेंडरों के फटने से ऐसा धमाका हुआ कि समूचे हॉस्पिटल सेक्टर में हड़कंप की स्थिति मच गई।
आग की उठती ऊंची—ऊंची लपटे हवा के साथ हिलोरें मारती रहीं और सटे हुए दूसरे घरों को भी अपनी आगोश में लेती चली गईं। जिनके घर थे, क्या बच्चे, क्या औरतें हर किसी ने अपनी तरफ से आग को बुझाने का प्रयास किया, लेकिन नतीजा सिफर साबित हुआ। मदद की गुहार लगती रही, पर किसी के बस में जैसे कुछ था ही नहीं।
कुछ देर बाद जब मौके पर दमकल की गाड़ियां पहुंची, पानी का बौछार शुरु हुआ, तो लगा कि कुछ तो बच जाएगा, लेकिन उस भीषण आग पर काबू पाने के लिए दमकल की चार वाहनों ने पूरा दम लगाया, तब जाकर आग पर नियंत्रण मिला, लेकिन तब तक घरौंदा राख हो चुका था। उस राख के ढेर में किसी को कुछ मिले भी तो क्या... अब उसके पीछे सिवाय आंसुओं के और कुछ भी शेष नहीं बचा।