दिव्य महाराष्ट्र मंडल

श्रीमद् भागवत कथा में हवन यज्ञ कर दी गई पूर्णाहुति

- वेद मंत्रोच्चारण के साथ आचार्य धनंजय शास्त्री ने कराया हवन

रायपुर। महाराष्ट्र मंडल द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में शनिवार 13 सितंबर को हवन यज्ञ के साथ पूर्णाहूति दी गई। वेद मंत्रोच्चारण के  साथ हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। यज्ञ में आहुति देकर यजमानों ने क्षेत्र की खुशहाली और विश्व में सभी के स्वस्थ रहने की कामना की। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आचार्य धनंजय शास्त्री ने हवन पूजन संपन्न कराया। दोपहर हवन के बाद अंतिम कथा का श्रवण भक्तगणों संध्या बेला में करेंगे। 

हवन के महत्व की जानकारी देते हुए आचार्य चेतन दंडवते ने बताया कि यज्ञ का धुआं वातावरण एवं वायु मंडल को शुद्ध करने के साथ लोगों के आत्मबल को बढ़ाता है। यज्ञ करने से प्राकृतिक वातावरण में शुद्धता के साथ-साथ अपने भीतर के अवगुण भी दूर होते हैं। यज्ञ से रोगाणुओं अर्थात कृमियों का नाश हो जाता है। यह रोगजनक कृमि पर्वतों, वनों, औषधियों, पशुओं और जल में रहते हैं, जो हमारे शरीर में अन्न और जल के साथ जाते हैं।

आचार्य दंडवते ने कहा कि शास्त्रों के अनुसार, कोई भी पूजा-पाठ या धार्मिक कार्य हवन के बिना अधूरा माना जाता है, और हवन के बाद ही पूजा पूर्ण होती है।  हवन के दौरान मंत्रों के जाप से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है, जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है। हवन करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद बना रहता है।