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परीक्षा में बड़ी सफलता के लिए युद्ध मन के विरुद्ध करना होगा: डॉ. वर्षा वरवंडकर

रायपुर। पढ़ने के दौरान मन भटकता है तो मन को नियंत्रित करने के लिए मन के विरुद्ध युद्ध करना पड़ेगा। महाराष्ट्र मंडल की आजीवन सभासद और कैरियर काउंसलर डॉ. वर्षा वरवंडकर ने  बच्चों को आत्मविश्वास के साथ परीक्षा की तैयारी करने और तनाव और दबाव से दूर रहने के कई उपाय बताए।
 
डॉ. वर्षा वरवंडकर ने सुबह पढ़ने के फायदे बताते हुए कहा कि सुबह मस्तिष्क की ग्रहण क्षमता सर्वाधिक होती है और मस्तिष्क को व्यवधान पहुंचाने वाली गतिविधियां कम होती हैं। उन्होंने केवल याद करने से चीज़ें सिर्फ दिमाग में रहती है और लिखते समय भूलने की आशंका रहती है, किंतु लिखकर याद करने से उत्तर लिखने में भूलने की आशंका कम रहती है।
 
डॉ. वर्षा वरवंडकर ने कहा कि पढ़ाई के दौरान हर 40 से 50 मिनट में ब्रेक लेकर फिर 10 मिनट बाद वापस पढ़ने में जुट जाए। खाली पेट अथवा भरपेट खाने के बाद न पढ़ें, बल्कि हल्का नाश्ता लेकर ही पढ़ने बैठे। खाली पेट पढ़ने से कमजोरी महसूस होती है क्योंकि पढ़ने के लिए शारीरिक और मानसिक उर्जा खर्च होती है। वहीं भरपेट खाकर पढ़ने बैठने से आलस्य आता है।  
 
डॉ. वर्षा वरवंडकर ने कहा कि परीक्षा की तैयारी के लिए पांच पी प्लान, प्रैक्टिस, परफेक्शन, परफॉरमेंस और पेंशेंस पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 10वीं, 12वीं बोर्ड की परीक्षा हमारे जीवन की एकमात्र बहुत जरूरी या बड़ी परीक्षा नहीं है बल्कि ऐसी कई परीक्षाएं हमारे शैक्षणिक और व्यावहारिक जीवन में आएंगी इसलिए इस परीक्षा को लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है। 40 मिनट से एक घंटे तक हमारा मस्तिष्क एकाग्र रहता है, इसलिए पढ़ाई करते समय हर एक घंटे के बाद हमें थोड़ा रिलैक्स करना चाहिए।