डेढ़ लाख युवाओं को नौकरी देने की तैयारी में रेलवे
नई दिल्ली। रेल मंत्रालय में अब करीब एक लाख 45 हजार युवाओं को नौकरी देने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। रेलवे में इन नौकरियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं को साफ-सुथरे और निष्पक्ष तरीके से कराने की व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है, ताकि कहीं से भी पेपर लीक होने की शिकायत ना मिले। वहीं रेलवे अधिकारियों की भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के माध्यम से कराने की तैयारी है। इसके लिए संघ लोक सेवा आयोग अलग से परीक्षा नहीं लेगा।
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा यह व्यवस्था अगले वित्तीय वर्ष से प्रभावशील हो जाएगी। वैष्णव ने बताया कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से लेकर अब तक पिछले आठ वर्षों में करीब पौने चार लाख नौकरियां दी जा चुकी हैं। इन नौकरियों में कहीं से भी किसी अनियमितता या लापरवाही की शिकायत नहीं है।
गौरतलब है कि रेलमंत्री ने संकेत दिए हैं कि अगले वित्तीय वर्ष से वंदे भारत की तरह वंदे मेट्रो ट्रेन भी पटरियों पर दौड़ने लगेंगी और इनकी गति भी वंदे भारत की तरह ही करीब 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की होगी। माना जा रहा है की वंदे मेट्रो के माध्यम से कम दूरी वाली इंटरसिटी ट्रेनों को रिप्लेस किया जाएगा।
इसके लिए रेलवे को नए प्रशिक्षित युवा कर्मचारियों और अधिकारियों के फौज की जरूरत पड़ेगी। नई भर्तियों से अगले सात- आठ वर्षों में मध्यम दूरी की ट्रेनों को बदलने में भी मदद मिलेगी। यह ट्रेनें हाइड्रोजन से चलने वाली इंजनों से संचालित की जाएंगी।