शिक्षा-कैरियर-लाइफ स्टाइल

साल की पहली सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को... सोमवार को सोमवती अमावस्या पड़ने का सुखद संयोग... करें यह काम, सफल हो जाएगा जीवन

साल 2023 की पहली सोमवती अमावस्या 20 फरवरी दिन सोमवार को है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को फाल्गुन अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, ध्यान, जप-तप करने की परंपरा है। साथ ही पितरों को तर्पण और दान किया जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सोमवती अमावस्या की तिथि पर कालसर्प दोष और पितृ दोष से मुक्ति के लिए उपाय किए जाते हैं। मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से उनका आशीर्वाद मिलता है और कुछ ज्योतिषीय उपाय करने ना सिर्फ कालसर्प और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही सुख-समृद्धि में भी वृद्धि के योग बनते हैं। आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या पर कालसर्प और पितृ दोष से मुक्ति के उपाय कौन कौन से हैं।

पितृ दोष निवारण के उपाय 
सोमवती अमावस्या की तिथि पर पीपल के वृक्ष पर जल और दूध चढ़ाएं। इसके बाद पांच तरह की मिठाई अर्पित करें। फिर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए एक जनेऊ भी पीपल को अर्पित करें और दीपक जलाएं। इसके बाद ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करते हुए 108 बार परिक्रमा करें। फिर पेड़ पर बैठे कौओं और मछलियों को चावल व घी से बनाए लड्डू खिलाएं। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में तरक्की के मार्ग खुलते हैं।सोमवती अमावस्या की तिथि पर दक्षिण दिशा में कंडे की धूनी लगाकर केसर युक्त खीर उस पर अर्पित करें और हाथ जोड़ते हुए जाने-अनजाने अपराधों की क्षमा मांगे। ऐसा करने पितृदोष में कमी आती है और उत्तम फलों की प्राप्ति होती है।

कालसर्प दोष निवारण के उपाय
सोमवती अमावस्या के दिन सुबह भगवान शिव की पूजा की विधिवत पूजा-अर्चना करते हुए रुद्राभिषेक करें। इसके बाद किसी तीर्थ स्थान पर जाकर चांदी के बने नाग-नागिन के जोड़ों की पूजा करें। फिर नाग-नागिन के जोड़े को नदी की धारा में प्रवाहित कर दें। फिर हाथ जोड़कर कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। ऐसा करने से ना सिर्फ कालसर्प दोष मुक्ति मिलेगी बल्कि धन-धान्य में वृद्धि होगी।

कष्ट से मुक्ति के लिए उपाय
जीवन में कष्ट और परेशानियां चल रही हैं तो सोमवती अमावस्या की तिथि पर तुलसी माता की पूजा अवश्य करें। तुलसी पूजा में तुलसी को जल अर्पित करें और धूप-दीप जलाकर सुहाग का सामान भी दें। फिर श्रीहरि, श्रीहरि मंत्र का जप करते हुए 108 बार परिक्रमा करें। परिक्रमा करने के बाद पितरों के नाम पर दान पुण्य करें। ऐसा करने से जीवन की मुसीबतें दूर होती हैं और धन समृद्धि में आने वाली अड़चन दूर होती हैं।

आरोग्य प्राप्ति हेतु उपाय
रोगों से मुक्ति के लिए सोमवती अमावस्या तिथि पर रोगी सूत से अपने नाप के बराबर एक सूत काट लें और फिर उसको पीपल पर लपेट दें, यह प्रचलित मान्यता है। ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और शनि दोष भी दूर होता है। साथ ही जीवन नौकरी व व्यापार में तरक्की के योग बनते हैं।

समृद्धि के लिए करें उपाय 
जीवन में आर्थिक संपन्नता और पितृ दोष से मुक्ति के लिए पांच रंग की मिठाई को पीपल के पत्ते पर रखकर पीपल के वृक्ष के पास रख दें। इसके बाद पितरों का ध्यान करें और तर्पण भी करें। फिर उस प्रसाद को गरीब व ब्राह्मण को दे दें या बच्चों में बांट दें। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और परिवार में समृद्धि होती है।

(नोट : उक्त जानकारी ज्योतिष संकलन से प्राप्त की गई है, दिव्य महाराष्ट्र मंडल इसकी पुष्टि नहीं करता है।)